Cases of fraud in Mahtari Vandan Yojana : महासमुंद: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बाद अब महासमुंद जिले में भी महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस बार ग्राम पंचायत के सचिव पर आरोप है कि उसने अपनी शिक्षिका पत्नी के नाम पर गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया। मामला सार्वजनिक होने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सचिव और उसकी शिक्षिका पत्नी को निलंबित कर दिया। साथ ही, शिक्षिका के खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है।
महासमुंद जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित घोड़ारी ग्राम पंचायत में करीब 400 महिलाएं महतारी वंदन योजना का लाभ उठा रही हैं। इन्हीं लाभार्थियों में एक नाम श्रीमती नीलम गोस्वामी का भी है, जो शासकीय प्राथमिक शाला केशवा में प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत हैं। आरोप है कि वह पिछले दस माह से योजना के तहत ₹1000 प्रति माह प्राप्त कर रही थीं।
Cases of fraud in Mahtari Vandan Yojana : इसकी शिकायत महिला बाल विकास विभाग में की गई थी, लेकिन दो हफ्तों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रशासन हरकत में आया। जिला पंचायत सीईओ ने सचिव रमाकांत गोस्वामी को निलंबित कर दिया और महिला बाल विकास विभाग की प्रवेक्षक मोनिका गुप्ता ने कोतवाली थाना में शिक्षिका नीलम गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। शिक्षा विभाग ने भी शिक्षिका को निलंबित कर दिया।
महिला बाल विकास विभाग की जांच में पता चला कि सचिव ने अपनी शिक्षिका पत्नी के नाम पर योजना का आवेदन जमा किया और पिछले दस माह से इसका लाभ ले रहा था। इस प्रकरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी सचिव पर अनियमितताओं का आरोप लगा रही हैं।
Cases of fraud in Mahtari Vandan Yojana : इस फर्जीवाड़े को लेकर कांग्रेस ने महतारी वंदन योजना की साख पर सवाल उठाए हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं योजनाओं की पारदर्शिता को कमजोर करती हैं।
मामला सोशल मीडिया पर फैलने के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। सचिव और प्रधान पाठक दोनों को निलंबित कर दिया गया। प्रधान पाठक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4) BNS के तहत मामला दर्ज कराया गया।
Cases of fraud in Mahtari Vandan Yojana : यह दूसरी बार है जब प्रदेश में महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। महासमुंद जिले में इस योजना के तहत कुल 3,23,363 आवेदन प्राप्त हुए थे। प्रशासन का कहना है कि अगर और गहराई से जांच की जाए तो संभवतः अन्य फर्जी मामलों का भी खुलासा हो सकता है।