2 twins and their mother died in Korba hospital

CG Ki Baat : ऑक्सीजन बिन घुट गई जिंदगी, इस गुनाह की सजा किसे?

CG Politics : इस वक्त देश में डबल इंजन सरकारों के विकास मॉडल की सर्वाधिक चर्चा है। जिसकी मंशा है लोगों को सुशासन प्रदान करें

Edited By :   Modified Date:  November 26, 2024 / 10:37 PM IST, Published Date : November 26, 2024/10:37 pm IST

रायपुर : CG Politics : इस वक्त देश में डबल इंजन सरकारों के विकास मॉडल की सर्वाधिक चर्चा है। जिसकी मंशा है लोगों को सुशासन प्रदान करें, लेकिन लगता है कि सरकार की मंशा को सरकारी तंत्र धत्ता बताने पर तुला है। प्रदेश में सरकार के सबको सुलभ स्वास्थ्य सेवा के संकल्प के उलट कोरबा जिले में एक पूरा परिवार उजड़ गया। मां और 2 नवजात जुड़वां बच्चों की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि प्रसूता को ले जाने वाली एंबुलेंस में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिला। आरोप के बाद विभाग के भीतर ही स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े दो जिम्मेदार विरोधाभासी दावे करते नजर आए। सवाल ये है कि क्या सच क्या है, लापरवाही किसकी है? क्या जिम्मेदारों तक जांच की आंच पहुंचेगी या परिवार को मिलेगी लीपापोती की मायूसी।

यह भी पढ़ें : CGPSC Notification 2025: छग लोकसेवा आयोग में इस बार 246 पदों पर भर्ती.. जारी हुआ नोटिफिकेशन, 9 फरवरी को प्रारंभिक परीक्षा

CG Politics : 75वें संविधान दिवस पर देश-प्रदेश हर जगह भव्य समारोहों के मंच सजे। वही संविधान जिसके मूल में देश की नागरिक और उसके अधिकार हैं लेकिन आजादी के दशकों बाद भी देश की नागरिकों की लाचारी देखिए स्वास्थ्य सेवाओं में जानलेवा लापरवाही की बातें सामने आ रही हैं। हुआ ये कि कोरबा में करतला थाना क्षेत्र के जोगीपाली गांव की एक प्रसूता और उसके जुड़वा बच्चों की मौत हो गई। पति बिहारी राठिया का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी से प्रसूता और 2 बच्चों की मौत हो गई। डिलेवरी के बाद हालात बिगड़ने पर प्रसूता को करतला CHC से जिला अस्पताल रेफर किया लेकिन एंबुलेंस में महिला को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई।.मेडिकल कॉलेज अस्पताल सुपरिटेंडेंट गोपाल कंवर का दावा है कि मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल आने से पहले ही मरीज की जान जा चुकी थी। इधऱ,स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि संजीवनी-108 कर्मी ने महिला को जीवित मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया था। प्रभारी CMHO डॉ सी के सिंह का दावा है कि, संजीवनी 108 से भेजते वक्त महिला का ऑक्सीजन लेवल सही था, उसे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी, प्री-मेच्योर दोनो बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया गया था।

यह भी पढ़ें : Gwalior News : पत्नी से झगड़े के बाद पति ने घर के सामान में लगाई आग, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड 

CG Politics : साफ है प्रूसता और बच्चों की मौत पर CMHO और मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के दावों में भारी विरोधाभास है। मसले पर विपक्ष सीधे-सीधे सरकार को घेर रहा है तो सत्तापक्ष जांच और उचित एक्शन का दावा कर रहा है।

कल ही हमने आपको राजधानी के अमलेश्वर स्थित 3री बटालियन मैदान पर खड़ी 400 बोलेरो गाड़ियों की तस्वीर दिखाई थी, जिन्हें डायल 112 सेवा के लिए ही मंगावाया गया था, लेकिन वो तालाबंद धूल खा रही हैं, कंडम हो रही हैं तो दूसरी तरफ मौजूदा एंबुलेंस में आक्सीजन की कमी के आरोप हैं, ये भी गंभीर जांच का विषय है कि चूक कहां हुई, लापरवाही किसकी है, करतला CHC की, एंबुलेंस की या फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की? उससे भी बड़ा सवाल है ये कि सबको बेहतर इलाज मिले सरकार की इस मंशा को पलीता लगाने वालों को धरा जाएगा या लीपापोती से काम चलाया जाएगा?

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp