रायपुरः Krishak Unnati Yojana Update विष्णु के सुशासन में हमन होगेन खुशहाल.. आजकल अक्सर छत्तीसगढ़ के किसानों के मुंह से ऐसे ही शब्द सुनने मिल रहे हैं। और ऐसा हो भी क्यों ना? छत्तीसगढ़ सरकार ने जो कृषक उन्नति योजना शुरू की है। दरअसल, छत्तीसगढ़ की सत्ता हाथ में आते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। भुइंया के भगवान कहे जाने वाले किसानों को साय सरकार अपनी योजनाओं में प्रमुख स्थान दिया है। सरकार ने प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का सही दाम देने के लिए कृषक उन्नति योजना की है। इस योजना का ही प्रभाव है कि आज प्रदेश के किसान आज खुशहाल नजर आ रहे हैं और साय सरकार को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं।
रत्नागर्भा छत्तीसगढ़ की भूमि में केवल रत्न और खनिज ही नहीं है, बल्कि यहां की उपजाऊ मिट्टी में धान की बंपर पैदावार होती है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को दुनिया में धान के कटोरा के नाम से जाना जाता है। यहां के किसान अपनी मेहनत से फसल उपजाकर कई किस्मों के चावल देश के अन्य हिस्सों को उपलब्ध कराता है। किसानों की इन्हीं मेहनत को पूरा सम्मान देने का बीड़ा साय सरकार ने उठाया है। सत्ता में आते ही साय सरकार ने किसानों के लिए साय सरकार ने कृषक उन्नति योजना की है। कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान के मूल्य के मान से अंतर की राशि प्रदान की जाती है। सरकार ने आने के पहले दिन से वादे के मुताबिक इसके लिए काम शुरू किया गया।
हमने बनाया है.. हम ही संवारेंगे के ध्येय वाक्य के छत्तीसगढ़ के संवारने के लिए आगे बढ़ रही विष्णुदेव सरकार ने जब कृषक उन्नति योजना शुरू की तो कई लोगों ने सवाल उठाए, लेकिन सरकार ने किसानों के विकास को अपनी प्राथमिकताओं में रखा। कृषक उन्नति योजना का मकसद किसानों की आय बढ़ाना और खेती की लागत कम करना है। इतना ही नहीं, फसल उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है। कृषक उन्नति योजना के सफल क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में खेती की लागत कम हो रही है और किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में अब खेती का रकबा भी बढ़ा है।
Krishak Unnati Yojana Update प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के किसानों से 3100 रुपये क्विंटल की दर से धान खरीदी की गारंटी दी थी. वादे को पूरा करने के लिए राज्य की कमान मिलते ही सरकार ने पहल शुरू की और 12 मार्च से प्रदेश में कृषक उन्नति योजना शुरू की गई। बालोद जिले के सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में हजारों किसानों एवं ग्रामीणों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्ष 2023-2024 के विप्णन वर्ष में खरीदे गए फसल की अन्तर की राशि ट्रांसफर की। इस कार्यक्रम में राज्य के 24 लाख 72 हजार किसानों को योजना के तहत 13 हजार 320 करोड़ रुपए की आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की गई थी।
कृषक उन्नति योजना अब किसानों की खुशहाली का प्रमाण बन चुका है। किसान इससे खुशहाल नजर आ रहे हैं। पहले की सरकार में किसानों किश्तों में पैसा मिलता था। इसके कारण वह इस पैसे को एकमुश्त किसी एक जगह पर खर्च नहीं कर पाता था, लेकिन अब विष्णु के सुशासन से यह संभव हो रहा है। साय सरकार ने अंतर की राशि एक साथ दे रही है। किसान इस पैसे तो एकमुश्त एक जगह पर खर्च कर रहे हैं। कई किसानों ने तो इसी पैसे से टैक्ट्रर, कार, मोटरसाइकिल जैसे अन्य वाहन खरीद लिए हैं। रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के नरसिंहपुर के किसान संतोष निषाद ने कहा कि मोला अब कहीं के टेंशन नइहे। एक्के बेर मा सांय-सांय पइसा मिलत हे। अब ये पइसा ला मन के मुताबिक खर्चा कर सकत हंव। बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के कोबिया गांव के किसान शैलेश वर्मा, मोहभट्ठा गांव के विनोद वर्मा, सगोनी के किसान लालसिह वर्मा और महेश कुमार साहू बहुत खुश है क्योंकि इनके खाते में अंतर की राशि आ गयी है। राज्य सरकार द्वारा अपने वादे के मुताबिक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गई है। ख़रीफ़ में 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है। किसानों को धान की खरीदी के लिए सरकार ने एमएसपी दिया है तथा किए गए वादे के मुताबिक़ हर किसान को धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दिया गया।
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