पत्नी ने दी पति को मुखाग्नि, देखते ही छलक पड़े आंखों से आंसू, अंतिम संस्कार के लिए भतीजे ने रखी थी ऐसी शर्त |

पत्नी ने दी पति को मुखाग्नि, देखते ही छलक पड़े आंखों से आंसू, अंतिम संस्कार के लिए भतीजे ने रखी थी ऐसी शर्त

patni ne di pati ko mukhagni: बताया जा रहा है कि भतीजे ने अंतिम संस्कार करने के लिए महिला के सामने शर्त रख दी थी कि 5 डिसमिल जमीन दे या फिर 1 लाख रुपए देने पर ही अंतिम संस्कार करूंगा।

Edited By :   Modified Date:  November 6, 2024 / 06:18 PM IST, Published Date : November 6, 2024/6:12 pm IST

बैकुण्ठपुर: patni ne di pati ko mukhagni कोरिया जिले से एक हैरान करने वाली खबर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। दरअसल, पति की मौत के बाद पत्नी ने अपने पति का अंतिम संस्कार किया है। बताया जा रहा है कि भतीजे ने अंतिम संस्कार करने के लिए महिला के सामने शर्त रख दी थी कि 5 डिसमिल जमीन दे या फिर 1 लाख रुपए देने पर ही अंतिम संस्कार करूंगा।

मामला जिले के पटना के करंजी इलाके का है, बताया जा रहा है कि महिला ने पहले तो जमीन बेचकर कैंसर पीड़ित पति का इलाज करवाया था। वह पहले से ही परेशान थी लेकिन पति की मौत के बाद उसके सामने अंतिम संस्कार करने की मुश्किल आ गई। क्योंकि उनके पास कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण उसने भतीजे को पति का अंतिम संस्कार करने को कहा लेकिन उसने भी पांच डिसमिल जमीन या एक लाख रुपए देने को कहा। जिसके बाद महिला ने खुद ही अपने पति को कंधा दी और उसने ही अंतिम संस्कार के सारे रीति रिवाज निभाई।

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कोरिया जिले के पटना से सटे ग्राम पंचायत करजी के मुक्ति धाम में एक महिला ने अपने पति को मुखाग्नि दी। जिसे देख कर ग्रामिणों के आंखों से आंसू आ गए। बताया जा रहा है कि, ग्राम पंचायत करजी निवासी कतवारी लाल राजवाड़े (47) अपनी पत्नी श्यामपति के साथ रहता था। कतवारी लाल पिछले दो साल से मुंह के कैंसर से पीड़ित था। करीब 6 महीने से स्थिति बहुत दयनीय हो गई थी। इलाज के लिए पत्नी ने हिस्से में मिले जमीन को बेच दिया। लेकिन कतवारी की जान नहीं बच सकी।

सोमवार को श्यामपति और ग्रामीणों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई कि, अंतिम संस्कार में कतवारी लाल को मुखाग्नि कौन देगा क्योंकि, शादी के 25 साल बाद भी उनकी कोई संतान नहीं है। तब राजवाड़े समाज के लोगों ने मृतक कतवारी के बड़े भाई के लड़के संतलाल को मुखाग्नि देने और क्रिया कर्म करने की सलाह दी। तब संतलाल ने इसके बदले एक लाख रुपये या 5 डिसमिल जमीन की मांग की।

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मृतक की पत्नी ने कहा कि, उनके पास महज 15 से 20 डिसमील जमीन जीवन यापन करने के लिए है उसमें से वह 5 डिसमील जमीन दे देगी तो जीवन यापन कैसे करेगी। वह 15 हजार रुपए देने के लिए तैयार थी लेकिन वह नहीं माना तब अंत में मृतक कतवारी लाल राजवाड़े की पत्नी श्यामपति राजवाड़े ने स्वयं मुखाग्नि देने और समस्त क्रिया कर्म करने का फैसला लिया और अपने पति के अर्थी को कांधा देकर मुक्तिधाम पहुंची और मुखाग्नि दी। पति की अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम ले जाते और अंतिम संस्कार में मुखाग्नि देते हुए देखने वालों की भीड़ गांव के सड़कों के किनारे और मुक्तिधाम में लग गई थी। जिसने भी यह देखा सभी के आंखों से आंसू आ गए।

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