Reported By: Satish gupta
,Jhumka Jal Mahotsav: कोरिया। छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला अपने प्राकृतिक संसाधनों और सौंदर्य के लिए जाना जाता हैं। प्रकृति की गोद मे बसे और हरियाली की चादर से ढंके जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के बेहद नजदीक में एक ऐसा डैम है, जो प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद है। खासतौर पर इस डैम पर सुबह सूरज उगते और शाम होते ही सूरज की लालिमा अति सुन्दर व मनमोहक नजर आती है।
कोरिया जिले के कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की दूरदर्शी सोच इस बात की साक्षी बनने जा रही है कि विशाल झुमका डैम में महोत्सव मनाने की कवायद विगत वर्ष से शुरू की गई थी। इस वर्ष भी दो दिवसीय झुमका जल महोत्सव का आयोजन 1 व 2 फरवरी 2024 को किया जा रहा है। कश्मीर की तरह कोरिया को भी प्रकृति ने अनेक अमूल्य उपहार दिए हैं, प्राकृतिक संसाधनों से नवाजा है।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर में ऐसे डैम है जो प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन जाता है। बैकुंठपुर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर झुमका डैम मशहूर है, इसकी खूबसूरती इतनी है कि हर शाम सनसेट देखने शहरवासी यहां घूमने आते हैं। इस डैम में बोट की भी सुविधा है, जो बेहद रोमांचक होते हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक इसका लुत्फ उठाए नहीं रहते। वैसे इस डैम में शिकारा बोट चलाने की भी तैयारियां प्रारंभिक तौर पर शुरू की जा रही है।
सम्भवतः प्रदेश में इस तरह का बोट चलाने की पहली शुरुआत कोरिया से हो रही है, जिसका लोकार्पण खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे। शिकारा एक प्रकार की लकड़ी की नाव है जो मुख्यत: जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील में प्रयोग में लाई जाती है। एक सामान्य शिकारे में लगभग छ लोग बैठ सकते हैं, और नाविक इसे पीछे की तरफ से खेता है।