Reported By: dhiraj dubay
, Modified Date: February 10, 2024 / 04:44 PM IST, Published Date : February 10, 2024/4:43 pm ISTकोरबा। Teacher Beats Student: कोरबा जिले के एक स्कूल में शिक्षिका को अपने छात्र पर इतना गुस्सा आया कि मासूम छात्र को मुक्के और डंडे से मार मार-मार के चोटिल कर दिया। बेरहमी में पड़े डंडे की प्रहार से मासूम छात्र के पैरों में चोट के निशान आ गए, इतना ही नहीं छात्र के पिता ने शिकायत पत्र में बताया है कि उनके बच्चे को अन्य विद्यार्थियों के सामने जलील करने के उद्देश्य से बेंच पर खड़े करने के साथ लगातार प्रताड़ित किया जाता था है। पीड़ित के पिता ने अपने शिकायत में लिखा है कि मैं रामचंद श्रीवास पुरानी बस्ती कोरबा का निवासी हूँ। मेरा पुत्र देव श्रीवास श्री अग्रसेन पब्लिक स्कूल दरी रोड़ कोरबा में कक्षा 5वीं का नियमित छात्र है। पढाई में अच्छा है, जो कि दिनांक 08.02.2024 को प्रतिदिन की भांती स्कूल जाकर अपने कक्षा में पठन-पाठन कर रहा था, उक्त समय इंग्लिश पीरियड के दौरान उक्त स्कूल की शिक्षिका नाज परविन सिद्दीकी कक्षा लेने के दौरान मेरे पुत्र देव श्रीवास से कॉपी की मांग की गई।
वहीं मामले में कॉपी नहीं मिलने की बात पर अत्यधिक नाराज होकर मेरे पुत्र के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग कर बिना कुछ सोचे समझे ही लकड़ी के डण्डे से लगातार 20-25 डण्डे मारे, जबकि स्कूल ड्रेस में हॉफ पैंट पहनना होता है, फिर भी पैरों पर लगातार डण्डा मारने से दोनों पैर जख्मी हो गये और पैरो पर निशान पड़ गया। पीठ और कंधे पर भी मारी है, इस दौरान मेरा पुत्र लगातार रो रहा था, फिर भी उस निर्दयी शिक्षिका को दया नहीं आई और लगातार अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट करती रही।
इसके बाद भी शिक्षिका का गुस्सा शांत नही हुआ और मेरे पुत्र को टी.सी. निकालने की धमकी देते हुए खिंचकर दूसरे कक्षा में अन्य विधार्थीयों के बीच बैंच पर लगभग पूरे पीरियड के दौरान मेरे पुत्र को खड़ा रखा गया। ऐसा दो कक्षाओं में किया गया। शिक्षिका के इस प्रकार के कृत्य से यह जान पड़ता है कि शिक्षिका अपने शिक्षक के कर्तव्यों को भूलकर अपने घर के गुस्सा को शांत करने के लिए स्कूल आती है। उक्त कृत्य स्थिति में मेरा पुत्र अत्यंत डरा व सहमा हुआ भय का जीवन व्यतीत कर रहा है, कुछ बोल नहीं पा रहा है और न ही हंस खेल पा रहा है।
Teacher Beats Student: इतना ही नहीं मासूम के पिता ने बताया कि छात्र स्कूल के नाम पर डर जा रहा और अब मैं स्कूल नही जाउंगा बोलकर लगातार रो रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि, मेरे पुत्र का मानसिक स्थिति अत्यधिक बिगड़ चुका है व उसका शिक्षण जीवन समाप्त हो रहा है। यदि मेरे पुत्र के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है या वह शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ होता है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उक्त शिक्षिका एवं स्कूल प्रबंधन की होगी।
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