Reported By: dhiraj dubay
,Korba Mayor Rajkishor Prasad OBC Certificate is Fake? : कोरबा: नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है। कांग्रेस के महापौर का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर देने के बाद शहर की राजनीति में खलबली मच गई है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि महापौर का कार्यकाल अभी पांच महीने बाकी हैं तो क्या वह समय से पहले कुर्सी छोड़ेंगे?
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गौरतलब है कि नगर निगम का चुनाव होने में अभी लगभग 5 माह का वक्त है और इससे पहले प्रमाण पत्र निरस्त कर देने के बाद अब सवाल यह उठ गया है कि क्या इसके आधार पर श्री प्रसाद आगामी 5 महीने तक महापौर रह पाएंगे? अभी उनका रुख स्पष्ट नहीं हो सका है। राजकिशोर प्रसाद अब आदेश मिलने के बाद ही कुछ आगे निर्णय लेने की बात कह रहे है। इधर कलेक्टर ने प्रमाणपत्र निरस्त करने के पत्र प्राप्ति होते ही आगे की कार्रवाई के लिए पत्र संभागायुक्त को भेज दिया है। आदेश में कई और विभागों को भी संज्ञान लेने के लिए कहा गया है जिस पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
Korba Mayor Rajkishor Prasad OBC Certificate is Fake? दूसरी तरफ भाजपा अब पूरा जोर लगा रही है कि महापौर को कुर्सी से हटाया जाए और उनकी जगह भाजपा से ही महापौर मनोनीत किया जाए। लेकिन इसमें भी कई वैधानिक-संवैधानिक पेंच है जिसको पूरा करते तक कम से कम 2 से 3 माह का वक्त तो लग ही सकता है। अब जो भी मनोनीत महापौर होगा वह दो से ढाई माह का ही माना जा सकता है। वैसे मनोनीत महापौर बिठाना भी किसी चुनौती से काम नहीं होगा क्योंकि भाजपा नेताओं में खुद भी इस कुर्सी के लिए होड़ मची हुई है। हालांकि इस बारे में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने रास्ता निकालना शुरू कर दिया है। यह भी हो सकता है कि श्री प्रसाद को सदभावना पूर्वक निगम चुनाव की आचार संहिता लागू होने तक महापौर रहने ही दिया जाए।
अधिकारी कोरबा द्वारा 6 दिसंबर 2019 को राजकिशोर प्रसाद के पक्ष में ‘कोयरी’ या ‘कोइरी’ अन्य पिछड़ा वर्ग का स्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र जारी किया गया था। ( यह बिहार प्रान्त में पिछड़ा वर्ग में आती है लेकिन जारी छत्तीसगढ़ में किया गया, वह भी हरदी बाजार तहसील से जारी अस्थायी प्रमाण पत्र के आधार पर) उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के अनुसार इस प्रकरण में विजिलेंस सेल की रिपोर्ट, गवाहों के कथन व प्रस्तुत दस्तावेजों के परीक्षण तथा विस्तृत विवेचना से स्पष्ट किया गया है कि धारक अपनी सामाजिक प्रास्थिति को प्रमाणित करने में असफल रहे। अतः न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी कोरबा से 6 दिसंबर 2019 को जारी ‘कोयरी’ या ‘कोइरी’ अन्य पिछड़ा वर्ग का स्थायी समाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं करने का कोई कारण नहीं है।
Korba Mayor Rajkishor Prasad OBC Certificate is Fake? छानबीन समिति ने धारक द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजी साक्ष्य, अभिलेखों के विश्लेषण करने के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनपुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रासिथति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम 2013 के अधीन विनिर्मित नियम के प्रावधानों के अनुसार न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी कोरबा से राजकिशोर प्रसाद के पक्ष में जारी ‘कोयरी’ या ‘कोइरी’ अन्य पिछड़ा वर्ग का स्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाता है। नियम 2013 और अन्य सुसंगत प्रावधान के अनुसार कार्यवाही किए जाने के लिए कलेक्टर कोरबा को प्राधिकृत किया गया है।