Reported By: Anjay Yadav
, Modified Date: March 12, 2024 / 01:18 PM IST, Published Date : March 11, 2024/10:13 pm ISTकोंडागांव। मान्यता है कि 500 से भी अधिक वर्षों से कोण्डागांव में मेला का आयोजन किया जा रहा है। मेला का शुभारंभ सोमवार की रात्रि निशा जात्रा के साथ शुरू होती है। वहीं, मंगलवार को पूजा अनुष्ठान के बाद देवी-देवताओं का मेला परिक्रमा होता है। इस मेल परिक्रमा में कोण्डागांव के 22 पाली के देवी-देवता शामिल होते हैं। इस वर्ष 19 मार्च से कोण्डागांव में पारंपरिक मेला आयोजन होगा।
मेला आयोजन में परंपरिकता को संरक्षित व मेला को भव्य रूप देने के उद्देश्य से कई निर्णय लिए गए। मेला समिति के अनुसार, मुख्य रूप से मेला समिति ने निर्णय लिया है कि देव परिक्रमा में शामिल होने के लिए पारंपरिक पोशाक जैसे धोती- कुर्ता पहनना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही देव परिक्रमा में शामिल हो सकते हैं। वहीं, मेला में शामिल होने वाले देवी सेवक, गायता, पुजारी को पुजारी वेशभूषा में ही पहुंचना होगा, ताकि उनका आदर सत्कार हो सके।