Shivranjani Tiwari and Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham : खैरागढ़। भजन गायिका शिवरंजनी तिवारी ने 7 से 12 वीं तक की पढ़ाई विवेकानंद पब्लिक स्कूल खैरागढ़ से की थी। इस बारे में स्कूल के प्राचार्य बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि शिवरंजनी शुरू से मेधावी छात्रा रही है। स्कूल में होने वाले सभी कल्चरल गतिविधियों में भाग लेती रही है। कई कार्यक्रम अकेले ही सम्भाल लेती थी। स्वभाव से भी बहुत शांत अनुशासन से रहती थी। आज देश भर में अपनी प्रतिभा के बलबूते सुर्खियों में हैं। शाला परिवार को गर्व है।
बता दें कि बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना ‘प्राणनाथ’ मान चुकी MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी 14 जून को छतरपुर पहुंची थीं। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले और मध्य प्रदेश की सीमा छतरपुर के बॉर्डर पर शिवरंजनी का लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया था। छतरपुर पहुंचने पर उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया था।
Shivranjani Tiwari and Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham बता दें कि पैदल कलशयात्रा करके गंगोत्री से एमपी के छतरपुर पहुंची शिवरंजनी तिवारी ने बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी करने के संकल्प पर बड़ी बात कही है। शिवरंजनी बोलीं ”मैंने कभी नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है, ना मेरा पर्चा खुला और ना मेरे संकल्प के बारे में पता चला।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा जो संकल्प था वह यह था ”मैं पूज्य बालाजी के दर्शन करूं और मैं जब 11वीं में थी तब बायो (Biology) सब्जेक्ट लिया था। मैं कैंसर की डॉक्टर बनना चाहती हूं, हे बालाजी मुझे इस फील्ड में सक्सेस दे देना।” शिवरंजनी ने आगे कहा कि मेरी बस यही कामना थी, शादी की तो मेरी कोई कामना थी ही नहीं, लोगों ने बेवजह शादी के विषय से मेरी यात्रा को जोड़ दिया।
साथ ही शिवरंजनी ने भगवा वस्त्र पर उठ रहे सवाल पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि जो (डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज) उन्होंंने मुझ पर आरोप लगाया है कि यह भगवा वस्त्र केवल साधु-संतों की निशानी है और यह प्यार की परिभाषा है, तो ऐसा कहीं लिखा हुआ है कि जो यह हमारे भगवान श्रीराम का रंग है इसे केवल साधु-संत ही पहन सकते हैं और कोई कन्या नहीं पहन सकती। भगवा रंग मेरी पसंद है, भगवान राम की पसंद है, तो भला उनको (डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज) क्या आपत्ति हो सकती है।
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