खैरागढ़ उपचुनाव की जंग, मतदाताओं को साधने की कवायद तेज, चुनावी प्रचार में जुटे दोनों दलों के नेता

खैरागढ़ उपचुनाव की जंग, मतदाताओं को साधने की कवायद तेजः Khairagarh by-election: Politicians engaged in an exercise to woo voters

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  • Publish Date - March 28, 2022 / 11:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

खैरागढ़ः Khairagarh by-election खैरागढ़ उपचुनाव की तारीख नजदीक आते-आते सियासी सरगर्मी भी तेज होती जा रही है। दोनों दल, जनता को साधने के लिए प्रचार और रैलियां कर रहे हैं। आज छुईखदान के कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस ने खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग का समर्थन किया है। जिससे खैरागढ़ उपचुनाव के लिए एक नई राजनीतिक लकीर खींच गई है।

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Khairagarh by-election खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव को जीतने के लिए सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस जहां इसे 2023 का सेमीफाइनल बता रही है तो बीजेपी ने भी इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। कांग्रेस ने चुनावी रण की कमान अपने कुछ मंत्रियों को सौंपी है तो बीजेपी की ओर से पूर्व मंत्रियों ने मोर्चा संभाला है और चुनाव से पहले दोनों पार्टियां अपने-अपने जीत के दावे कर रही हैं।

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आज छुईखदान में कांग्रेस ने बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें खैरागढ़ चुनाव संचालन समिति के प्रमुख कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। जिसमें कांग्रेस और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भूपेश सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई। प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने खैरागढ़ को जिला बनाए जाने की मांग का समर्थन किया और कहा कि CM भूपेश बघेल, जनता की इच्छा के मुताबिक जल्द ही इसे जिला का दर्जा देंगे।

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इधर खैरागढ़ उपचुनाव में नाम वापसी के आखिरी दिन 12 अभ्यर्थियों में से 2 निर्दलीय अभ्यर्थियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अब खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में 10 प्रत्याशी ही मैदान में हैं जिन्हें चुनाव चिन्ह का आवंटन किया गया है। विधायक देवव्रत सिंह के निधन से खाली हुई खैरागढ़ सीट पर 12 अप्रैल को वोटिंग और 16 अप्रैल को काउंटिंग होगी। दोनों ही दल खैरागढ़ का दंगल हर हाल में जीतना चाहते हैं। जिसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश हाई रखने, मतदाताओं को साधने की कवायद तेज हो गई है।