कवर्धा। आमलोगों को राहत देने एक तरफ जहां सरकार मुफ्त में चावल वितरण कर रही है, तो वहीं कवर्धा जिले के अधिकांश पीडीएस दुकानों मे घटिया चावल व चने की सप्लाई हो रही है। जिले में लगभग 483 पीडीएस दुकान संचालित हैं, लेकिन वनांचल क्षेत्र के राशन दुकानों में कनकी, मिट्टी व धान युक्त घटिया चावल का सप्लाई किया जा रहा है। राशन दुकान के सेल्समैन भोले भाले बैगा आदिवासी हितग्राहियों से राशन का प्रत्येक माह तीन रुपए अतिरिक्त शुल्क ले रही है। आदिवासी क्षेत्रों मे चावल के साथ चना भी बांटे जा रहे हैं, लेकिन चने में कीड़े लगे हुये है। ऐसे मे वनांचल क्षेत्र मे रहने वाले भोले -भाले गरीब लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
मामला ग्राम सिंघारी का है जहां के सेल्समैन गरीबों के हक पर डाका डाल रहें हैं। दो किलो चना 1 किलो शक्कर का मूल्य 27 रुपए होता है, लेकिन यहां सभी हितग्राहियों से प्रत्येक माह 30 रुपए जमा कराया जा रहा है। सेल्समैन का कहना है कि जो गोदाम से चावल आता है उसी को वितरण करते हैं। दरअसल, इस क्षेत्र के लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते जिसके कारण इसका शिकायत भी नहीं करते है। खाद्य विभाग और नागरिक आपूर्ति विभाग की लापरवाही का खमियाजा गरीब जनता भुगत रही है। नागरिक खाद्य आपूर्ति निगम मे क्वालिटी स्पेक्टर व राईस मिल संचालाकों की साठगांठ से कही वनांचल क्षेत्र में घटिया क्वालिटी का चावल सप्लाई का खेल होने की आशंका है।
जिले के सभी सरकारी राशन दुकानों में पहुंचने वाले चावल जिले के ही राइस मिल से ही तैयार होकर जाता है, लेकिन राइस मिल से ही खराब चावल को सरकारी राशन दुकानों में नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से सप्लाई की जा रही है। गौर करने की बात है कि चावल में केवल 25 प्रतिशत टूटे-फूटे चावल, जिसे सामान्य तौर पर कनकी कहा जाता है, दिया जा सकता है। लेकिन जिले के कई सरकारी राशन दुकानों में 25 प्रतिशत से अधिक मात्रा में ऐसे चावल मिल रहे हैं।
घटिया चावल सप्लाई को लेकर भाजपा ने शासन प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं वास्तव में जांच होगा तो वनांचल क्षेत्र के कई शासकीय राशन दुकानों में यह समस्या मिल जाएगी। वही खाद अधिकारी ने मामले की जांच के बाद कारवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि इस गंभीर मसले पर प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाया जाता है। IBC24 से सूर्यप्रकाश चन्द्रवंशी की रिपोर्ट
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