कवर्धा। भौगोलिक लिहाज से कबीरधाम विभिन्नता वाला जिला है। जिले के दूरस्थ वनांचल इलाका दुर्गम और पहाडी इलाका है, जहां पर अधिकांश तौर पर आदिवासी वर्ग के लोग निवासरत है। दुर्गम और पहाड़ी होने के कारण इन इलाकों में सड़कों का निमार्ण नहीं होने के चलते कई गांव टोलों में चार पहिया वाहन ऐसे अन्दरूनी इलाकों में नहीं जा पाते। स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में भी बडी एम्बूलेंस भी इन इलाकों में नहीं पहुंच पाने और सही समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण लोगों की मौत भी हो जाती थी।
इसे देखते हुए साल 2018 में जिले में पांच बड़े वनांचल केन्द्र दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकूदर और छिरपानी में बाइक एम्बूलेस की सेवाएं शुरू की गई थी। बाइक एंबुलेंस की सेवा मिलने से वनांचल गांवों में सदियों से चली आ रही झाड़-फूक की समाजिक कुरितियों तोड़ने और अंध विश्वास को दूर करने की मदद भी मिल रही थी। बैगा एवं आदिवासी बाहूल सुदूर और दुर्गम वंनांचल में जिले के हजारों गर्भवती महिलाओं के लिए बाईक एम्बूलेंस वरदान साबित हो रही थी, लेकिन कबीरधाम जिले में वनाचल में वरदान साबित हो रही बाइक एम्बूलेंस के पहिये 01 अप्रैल से थम गये है। इनकी सेवां इलाके के लोगों के लिए बंद कर दी गई है।
अब मरीजों हास्पिटल अपने जुगाड़ के साधनों से जाना पड़ रहा है। विभाग के अनुसार पर्याप्त फंड नही होने की बात कह रही है, वहीं जिले के कलेक्टर जन्मजेय मोहबे ने जल्द ही फंड जारी कर फिर से इलाकें में बाईक एम्बूलेस की सेवा बहाल करने की बात कही है,अब देखना होगा की पुनः कब तक बाईक एम्बुलेंस आरंभ होती है। IBC24 से सूर्यप्रकाश चन्द्रवंशी की रिपोर्ट
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