Reported By: SuryaPrakash Chandrawanshi
,कवर्धा।Kawardha News: विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार अनेक योजनाएं संचालित कर रही है,लेकिन कवर्धा में करोड़ों की लागत से निर्मित 500 सीटर आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास उद्घाटन के लिए लगभग 6 वर्षों से बांट जोह रहा है,या कहें कि सफेद घोड़ा बनकर रह गया है जिसके चलते वनांचल के आदिवासी बच्चों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। दरअसल जिले के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत सुदूर वनांचल इलाका कुई कुकदूर में आदिवासियों की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने लगभग 14 करोड़ 34 लाख की लागत से 17 अक्टूबर 1028 को निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया था और लगभग एक साल में निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया। जिसके बाद क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को बड़ी आस थी लेकिन निर्माण पूर्ण होने के बाद भी आज तक उद्घाटन नहीं हो सका।
ऐसे में यह भवन भी धीरे-धीरे खराब होने लगी है और आदिवासी बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर जाने को मजबूर। सत्ता परिवर्तन के बाद पुनः भाजपा सरकार से विशेष पिछड़ी जनजाती के लोगों को दोबारा उम्मीद जागी है और इस छात्रावास का जल्द- जल्द से उदघाटन कर आदिवासी बच्चों को लाभ दिलाने की मांग किया है। वहीं क्षेत्रिय विधायक भावना बोहरा से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, पहले प्रैक्टिकली वहां क्या-क्या सुविधाएं और स्टॉफ होनी चाहिए उसकी जानकारी लूँगी उसके बाद ही इस छात्रावास की उदघाटन करूंगी।
Kawardha News: ऐसे में अब देखना होगा कि पूर्व में पांच साल तक सत्ता में रही कांग्रेस सरकार ने भी इसका उदघाटन नहीं किया और अगर वर्तमान में सत्ता में आई भाजपा सरकार भी उदघाटन नहीं करेगा तो क्या यह भवन सफेद घोड़े की तरह सो पीस बनकर रह जायेगा या क्षेत्र के आदिवासी बच्चो को इसका लाभ मिलेगा।