Chhattisgarh Hardcore Naxalites Surrender || नक्सली दंपत्ति का सरेंडर

Chhattisgarh Naxalites Surrender: हिड़मा के गांव पूवर्ती के रहने वाले हार्डकोर नक्सली पति-पत्नी ने किया सरेंडर.. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम

यह दंपत्ति पिछले पांच वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे और कई गंभीर अपराधों में शामिल रहे। उनके खिलाफ पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश रचने के आरोप भी थे। कवर्धा जिले के एसपी धर्मेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि यह आत्मसमर्पण सरकार की नीतियों और सुरक्षाबलों की रणनीति की बड़ी सफलता है।

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Modified Date: January 18, 2025 / 04:31 PM IST
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Published Date: January 18, 2025 4:15 pm IST

Chhattisgarh Hardcore Naxalites Surrender : कवर्धा: नए साल की शुरुआत बस्तर के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के लिए बेहद दुखद रही। नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए। यह घटना ऑपरेशन से लौटते समय हुई। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ अभियान को और तेज कर दिया। नए साल के पहले 15 दिनों में ही सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दो दर्जन से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है।

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बस्तर पुलिस और सुरक्षाबलों ने हाल ही में अबूझमाड़ के पुजारीकांकेर के जंगलों में बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में 12 माओवादियों को ढेर करने में सफलता मिली। यह अभियान नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की दृढ़ रणनीति और प्रयास का हिस्सा है।

Chhattisgarh Hardcore Naxalites Surrender : इसी बीच पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुकमा जिले के पूवर्ती गांव के रहने वाले एक हार्डकोर नक्सली दंपत्ति ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इस दंपत्ति पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

सरकारी पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले इस दंपत्ति को नकद सहायता, सुरक्षित आवास और पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जाएगी। नक्सली दंपत्ति ने कहा कि वे अब हिंसा और नक्सल विचारधारा को त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं। उनका कहना है कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर एक शांतिपूर्ण और बेहतर जीवन जीने का इरादा रखते हैं।

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Chhattisgarh Hardcore Naxalites Surrender : यह दंपत्ति पिछले पांच वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे और कई गंभीर अपराधों में शामिल रहे। उनके खिलाफ पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश रचने के आरोप भी थे। कवर्धा जिले के एसपी धर्मेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि यह आत्मसमर्पण सरकार की नीतियों और सुरक्षाबलों की रणनीति की बड़ी सफलता है।

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कवर्धा में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली दंपत्ति कौन हैं?

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली दंपत्ति सुकमा जिले के पूवर्ती गांव के निवासी हैं। इन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था, और वे पिछले 5 वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे।

नक्सली दंपत्ति ने आत्मसमर्पण क्यों किया?

दंपत्ति ने हिंसा और नक्सल विचारधारा को त्यागने का निर्णय लिया और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण किया। उन्होंने सरकारी पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाकर शांतिपूर्ण जीवन जीने की इच्छा व्यक्त की है।

आत्मसमर्पण के बाद नक्सलियों को क्या सुविधाएं मिलती हैं?

सरकारी पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नकद सहायता, सुरक्षित आवास, और पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जाती है।

क्या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर पहले से मुकदमे होते हैं?

हां, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर पहले से गंभीर अपराधों के मुकदमे हो सकते हैं। हालांकि, पुनर्वास नीति के तहत उनके मामलों की समीक्षा की जाती है।

आत्मसमर्पण का सुरक्षाबलों के अभियान पर क्या प्रभाव पड़ता है?

आत्मसमर्पण सुरक्षाबलों की रणनीति और सरकारी नीतियों की सफलता को दर्शाता है। यह अन्य नक्सलियों को भी हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है।
 
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