Bjp and Congress on Kawardha kand
रायपुर: कवर्धा कांड को लेकर प्रदेश की राजनीति में हर दिन नये अध्याय जुड़ते जा रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस तो पहले दिन से एक दूसरे को घेर रहे हैं। अब इसमें VHP की भी ऐंट्री हो गई है। VHP ने ऐलान किया है कि वो प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन करेगी। इधर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत बीजपी के बड़े नेताओं ने दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद लोगों से मुलाकात कर सभी की निशर्त रिहाई और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। बीजेपी नेता उन कार्यकर्ताओँ के परिजनों से भी मिले, जो हिंसा मामले में आरोपी बनाये गए हैं। रमन सिंह ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के बीजेपी और RSS के लोगों की ओर से फैलाई गई हिंसा वाले बयान पर पलटवार भी किया। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे रमन सिंह के राजनीतिक पुनर्वास की कोशिश बताया। सबसे बड़ा सवाल ये कि कवर्धा कांड क्या दो गुटों का विवाद था या फिर किसी की साजिश?
कवर्धा में दो गुटों के बीच विवाद मामले में 9 दिन बाद भी राजनीति जारी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है। रविवार को कांग्रेस सरकार के 3 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घटना को प्रायोजित बताते हुए बीजेपी पर सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है, तो वहीं एकदिवसीय दौरे पर पेंड्रा पहुंचे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कवर्धा में इंटेलिजेंस फेलियर मानने से इंकार किया और आरोप लगाया कि बीजेपी और RSS ने बाहर से गुंडे बुलवा कर हिंसा कराई है।
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दूसरी ओर रमन सिंह समेत बीजेपी के बड़े नेताओं ने दुर्ग के केंद्रीय जेल में बंद लोगों से मुलाकात के बाद सभी की निशर्त रिहाई के साथ दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं गृहमंत्री के बीजेपी और RSS पर लगाए आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि गृहमंत्री जिन्हें किराये के टट्टू, बीजेपी और संघ के लोग बता रहे हैं, वे किसानों के बेटे हैं। कवर्धा में तीन साल का आक्रोश फूटा है, लोग समझ रहे हैं कि गुंडागर्दी कौन कर रहा है। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले में रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का वीडियो सामने आने का जिक्र करते हुए कहा कि कवर्धा मामले में रमन सिंह राजनीतिक पुनर्वास की कोशिश कर रहे हैं।
कवर्धा हिंसा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी तो आमने-सामने हैं, लेकिन अब इस विवाद में विश्व हिंदू परिषद भी कूद गया है। VHP ने राजधानी रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई की जिसके चलते स्थिति बिगड़ी। VHP ने मंगलवार को इसके विरोध में जन आक्रोश रैली निकालने का ऐलान किया। ये दो गुटों का विवाद था या फिर किसी की साजिश, इसका खुलासा होना ही चाहिए। क्योंकि अगर ये किसी साजिश का हिस्सा था तो वो प्रदेश के शांत मिज़ाज वाले इतिहास से कतई मेल नहीं खाता।