पखांजूर। घोर नक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत उलिया के आश्रित गांव नेलटोला में आज भी नौनिहाल झोपड़ी में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। बरसात के दिनों में बच्चों को झोपड़ी में पढ़ाना खतरे से खाली नहीं है। अक्सर कीड़े-मकोड़े का डर बना रहता है। 2016 से इस गांव में आंगनबाड़ी संचालित है तब से अब तक भवन बना नहीं पाया।
ऐसा नही की भवन के लिए स्वीकृति नहीं मिली हैं। पंचायत की लापरवाही के चलते बच्चों को झोपड़ी में बैठना पड़ रहा है। बच्चों को जहाँ पक्की भवन छत के नीचे बिना डरे बैठना तथा खेलना और पढ़ाई करना था। ग्राम पंचायत की लापरवाही से वह भी नसीब नहीं हो रहा है। अंदरूनी तथा जंगल के बीच में इस गांव के बसे होने से और भी खतरा बना रहता हैं।
पंचायत के सरपंच तथा सचिव द्वारा 1 साल पहले भवन निर्माण कार्य चालू तो किया पर आधा अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया। एक साल बीत जाने के बाद भी यह भवन पूर्ण नहीं हो पाया। वहीं, हर साल की तरह इस बरसात में भी इसी झोपड़ी के नीचे बैठकर मासूम बच्चे पढ़ने को मजबूर हो गए हैं। IBC24 से अमिताभ भट्टाचार्य की रिपोर्ट
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