Two female Naxalites surrendered in Gadchiroli : रायपुर: छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर सक्रिय दो महिला नक्सलियों ने नक्सली गतिविधियों को त्यागकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इन दोनों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
महिला नक्सली शामला जुरु, जो अबूझमाड़ क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय थी, पर सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसने नक्सली संगठन में वर्षों तक अपनी भूमिका निभाई, लेकिन अब उसने समाज के मुख्यधारा स ेजुड़ने का फैसला करते हुए आत्मसमर्पण कर दिया है।
Two female Naxalites surrendered in Gadchiroli: दूसरी महिला नक्सली काजल मांगरु, जो संगठन में निचले कैडर की सदस्य थी, पर 2 लाख रुपये का इनाम था। काजल भी छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सक्रिय थी और अब उसने भी हिंसा का मार्ग छोड़कर सामान्य जीवन जीने का निर्णय लिया है।
पुलिस और सुरक्षा बलों के लगातार अभियान और सामाजिक जागरूकता के प्रयासों का यह नतीजा है कि नक्सली हिंसा में कमी आ रही है। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि इससे अन्य नक्सलियों को भी आत्मसमर्पण के लिए प्रेरणा मिलेगी।
Two female Naxalites surrendered in Gadchiroli: सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए योजनाएं बनाई हैं। इन महिलाओं को भी इन योजनाओं का लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकेंगी। यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों की रणनीति और समाज के सामूहिक प्रयास की एक बड़ी जीत है। दोनों राज्यों के बीच सहयोग से नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच गुरुवार सुबह जबरदस्त मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन नक्सली मारे गए। अधिकारियों के अनुसार, यह मुठभेड़ सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित जंगलों में हुई। जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे संयुक्त अभियान के दौरान शुरू हुई। इस ऑपरेशन में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन शामिल हैं।
Two female Naxalites surrendered in Gadchiroli : ऑपरेशन के दौरान दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई। सुरक्षाबलों ने जंगल में घात लगाकर नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी और कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और सर्च ऑपरेशन जारी है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उनकी पकड़ कमजोर करने के लिए चलाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को एक विस्फोट में आठ सुरक्षा कर्मियों सहित कुल नौ लोगों की जान चली गई। इस हमले के लिए स्थानीय माओवादियों के संगठन मटवाड़ा एलओएस (स्थानीय संगठन दस्ता) के शामिल होने का शक जताया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट में इस्तेमाल की गई बारूदी सुरंग का वजन लगभग 70 किलोग्राम था, जो कई महीने पहले जमीन के नीचे बिछाई गई थी। इस सुरंग को नष्ट करने के लिए क्षेत्र में लगातार प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन इसे तलाशने में असफलता मिली, इस पर जांच जारी है।
Two female Naxalites surrendered in Gadchiroli : यह घटना बीजापुर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र स्थित अंबेली गांव के पास हुई, जब सुरक्षाकर्मियों का एक काफिला जा रहा था। नक्सलियों ने उस काफिले में शामिल एक वाहन को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया, जिससे आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए। मारे गए जवानों में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स के चार-चार सदस्य शामिल थे। यह हमला पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों पर नक्सलियों द्वारा किया गया सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।