झीरम घाटी शहादत दिवस: रायपुर । झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा सहित कई नेता और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो गए थे। झीरम घाटी शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में बघेल ने कहा है कि झीरम घाटी के शहीदों और विगत वर्षों में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में वर्ष 2020 से 25 मई को हर वर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ मनाया जाता है। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालयों में नक्सल हिंसा में शहीदों की स्मृति में 25 मई को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी तथा राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए शपथ ली जाएगी।
25 मई 2013 को हुआ था हमला
साल 2013 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मजबूत स्थिति में नजर आ रही थी,लेकिन 25 मई 2013 को जैसे सब कुछ बदल ही गया,इस दिन चुनावी अभियान में निकले कांग्रेस नेताओ के काफिले पर नक्सली हमला हो जाने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ,पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत कई नेता शहीद हो गए। नतीजन चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ही खत्म हो गई।
कांग्रेस की इस परिवर्तन यात्रा के काफिले में लगभग 25 गाड़ियों में 200 नेता सवार थे। काफिले में सबसे पहली गाड़ी तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल की थी,जिसमे उनके साथ पुत्र दिनेश पटेल और आदिवासी नेता कवासी लखमा अपने सुरक्षा गार्ड्स के साथ थे। नंदकुमार पटेल के काफिले के ठीक पीछे पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेन्द्र कर्मा और मलकीत सिंह गैदू का वाहन था