jageshwar yadav Padma Shri Award 2024
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के 110 विभूतियों को पद्मश्री सम्मान दिए जाने का एलान किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के कथक नर्तक पंडित राम लाल बरेठ, नारायणपुर के वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी तथा जशपुर के श्री जागेश्वर यादव का नाम शामिल हैं। भारत सरकार द्वारा पंडित राम लाल बरेठ को कला क्षेत्र में, वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी को चिकित्सा क्षेत्र में तथा श्री जागेश्वर यादव को समाज सेवा के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंडित राम लाल बरेठ, जागेश्वर यादव तथा वैद्यराज हेमचंद मांझी को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री कहा है कि विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर एवं पहाड़ी कोरवा की भलाई के लिए श्री जागेश्वर यादव ने अपना जीवन समर्पित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री सम्मान के लिए श्री जागेश्वर यादव के चयन पर प्रसन्नता जताते हुए उन्हें दूरभाष पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी द्वारा नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में पारंपरिक औषधि जड़ी-बूटी से बीते पांच दशकों से जरूरतमंद लोगों का इलाज को उनकी सेवा का प्रतिफल कहा है। कथक के मूर्धन्य नर्तक पंडित राम लाल बरेठ ने कला के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। रायगढ़ के रहने वाले पंडित राम लाल बरेठ के पिता श्री कार्तिक राम बरेठ भी कथक के मूर्धन्य नर्तक रहे है। पंडित राम लाल बरेठ को संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी पुरस्कृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन तीनों विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्य से राष्ट्रीय स्तर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है।
नारायणपुर के हेमचंद मांझी ख्याति प्राप्त वैद्य है। वह 15 साल की उम्र से ही अपने पारंपरिक औषधि ज्ञान से जरूरतमंद लोगों का इलाज कर रहे है। विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों से वह इलाज के लिए बहुत कम राशि लेते हैं। जब उनकी उम्र 15 वर्ष की थी, तभी से वह जरूरतमंदों की चिकित्सा कर रहे है। अबूझमाड़ के जंगलों में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों का उन्हें विशेष ज्ञान है।
जशपुर के जागेश्वर यादव, की प्रसिद्धि बिरहोर के भाई के रूप में है। आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता यादव ने अपना पूरा जीवन बिरहोर और पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने जशपुर में आश्रम की स्थापना की और निरक्षरता उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवा के मानकों को बेहतर बनाने का काम किया है। वे समाज के उत्थान लिए साल 1980 से कर काम रहे है। वे आज भी बिरहोर परिवार के साथ नंगे पांव चलते है। जागेश्वर यादव बगीचा विकासखण्ड के भितघरा गांव के निवासी है।