रायपुर : Ayodhya Ram Mandir Invitation : 22 जनवरी के कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह जुटी हई है। साधु संत को इस समारोह का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। भक्त, अयोध्या वासी और पूरे देश की जनता को लेकिन देश में इस शुभ घड़ी में भी सियासत खूब हो रही है। नेताओं को मिले निमंत्रण पर राजनीति भी गर्म है।
रघुनंदन के इंतजार में पलक पावड़े विछाए बैठी है अयोध्या, सरयु का पानी शुभ घड़ी के इंतजार मे चमक रहा है, अयोध्या दमक रही है, प्रभु राम का मंदिर बनकर तैयार है। इस मंदिर में श्रीराम के उदविग्रह के दर्शन होने वाले हैं। जिसकी प्रतिक्षा रामभक्तों को सदियों से है, लेकिन 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से कांग्रेस ने इनकार कर दिया है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
Ayodhya Ram Mandir Invitation : कांग्रेस ने सोशल मीडिया में बकायदा एक लेटर शेयर किया, जिसमें उसने राम मंदिर के उद्घाटन में न जाने के फैसले का कारण बताया कि धर्म निजी मामला है,लेकिन बीजेपी-RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है। कांग्रेस के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर प्रतिक्रियाएं भी खूब आईं।
कांग्रेस ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से भले किनारा कर लिया हो लेकिन यूपी कांग्रेस 15 जनवरी को अयोध्या जाएगी। अजय राय के अगुवाई में कांग्रेसी सरयु में डुबकी लगाएंगे, फिर हनुमानगढ़ी और रामलला का दर्शन करेंगे। इधर पार्टी लाइन से अलग मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कह चुके हैं।सबका अधिकार है राम मंदिर पर 22 जनवरी को तो नहीं लेकिन जाऊंगा जरूर।
Ayodhya Ram Mandir Invitation : एक तरफ जहां अक्षत और कलश यात्रा के माध्यम से बीजेपी-RSS घर-घर पहुंचकर लोगों को अयोध्या पहुंचने का निमंत्रण दे रही है, तो कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा मे राम महोत्सव की शुरुआत की है। इसके तहत राम नाम पत्रक भरवा रहे हैं कांग्रेसी, जो अयोध्या भेजे जाएंगे। इधर कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने आदेश दिया है कि प्रदेश के 34 हजार मंदिरों में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान विशेष पूजन का आयोजन किया जाए।
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यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस भले अयोध्या से किनारा कर रही हो लेकिन, वो राम नाम को साथ लेकर चल रही। वो भी समझती है कि राम मंदिर का निर्माण, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का समारोह और देश भर में राममय माहौल का असर 2024 चुनाव पर पड़ना तय है।
Ayodhya Ram Mandir Invitation : बहरहाल कांग्रेस, टीएमसी और सपा सहित INDIA गठबंधन के कई दल इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर चुके हैंऔर बीजेपी पर राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे हैं। तो ये माना जाए कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर फिर से चुनावी मुद्दा बनना तय है।