रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रगतिशील किसान और कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए IBC24 की ओर से गुरुवार को ‘भुइयां के भगवान’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के ऐसे 15 प्रगतिशील और प्रयोगधर्मी किसानों का सम्मानित किया गया, जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है। साथ ही कृषि के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग और पहल करने वाले 5 कृषि वैज्ञानिकों का भी सम्मान किया गया। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का सर्वाधिक लोकप्रिय एवं विश्वसनीय न्यूज चैनल IBC24 ने अपने सामाजिक सरोकार को निभाते हुए लगातार छठवें साल भी प्रदेश के किसानों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे शामिल हुए, जिन्होने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के कारण ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पटरी पर चल रही है।
छत्तीसगढ़ में कृषि के विकास औऱ संभावनाओं को लेकर नए नए सफल प्रयोगों को पहचान दिलाने के लिए IBC 24 की ओर से भुइयां के भगवान कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। गुरुवार को लगातार छटवे साल इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसान और उनके प्रतिनिधी शामिल हुए। कार्यक्रम में किसानों को जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था, जिन्होने अपने अनुभव साझा करते हुए किसानों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी । छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए । इस कार्यक्रम में उन्हीं के हाथों 15 किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह के दौरान विशेषज्ञों के पैनल ने राज्यभर से आए किसानों के साथ संवाद किया। इस संवाद में प्रदेश में खेती- किसानी की स्थिति, खेती में नवाचार और मौजूदा समय में कृषि के क्षेत्र में हो रहे नए शोध पर चर्चा की गई। इसके अलावा किसानों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही नई नई योजनाओं पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा की प्रदेश सरकार किसानों के लिए हितों में लगातार काम कर रही है। अपने बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा किसानों को दिया जा रहा है। किसानों की वजह से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था कोरोना काल में भी पटरी पर ही रही है ।
आयोजन स्थल पर किसानो और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली 11 संस्थाओं के स्टॉल भी लगाए गए थे, जिसके माध्यम से किसानों को नई नई जानकारी उपलब्ध कराई गई। इनमें प्रमुख रुप से मंडी बोर्ड, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, नाबार्ड, उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग, मत्स्यपालन विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक एवं बायर क्राप साइंस जैसे और भी संस्थाओं के स्टॉल थे । कृषि मंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगे सभी स्टॉल का अवलोकन किया।
भुइयां के भगवान कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए कृषि मंत्री ने भी सरकार की ओर से किसानों के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए। IBC24 के इस कार्यक्रम के माध्यम से कृषि और किसानों को नई दिशा मिलेगी, ऐसी उम्मिद जताई गई।
इससे पहले कार्यक्रम के पहले सत्र के दौरान पद्मश्री फूलबासन बाई ने कहा कि महिला स्व सहायता समूह में 2 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ीं हुई हैं, जो खेती किसानी के काम में लगीं हुई हैं। इस काम के लिए हमें बायर कंपनी की ओर से मदद मिली। कंपनी की ओर से न सिर्फ हमें धान दिया गया, बल्कि उनका निर्देशन भी हमारे साथ रहा। आज अब क्षेत्र में पलायन करने वाले लोगों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है।
कृषि विभाग के एडिशनल डायरेक्टर एसीसी पदम ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि पहले हम एक एकड़ या आधा एकड़ जमीन में मछली पालन करने की इच्छा रखने वाले किसानों को मना कर देते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं होता। लेकिन आज बायोफ्लॉक और अन्य कई सिस्टम से किसान बहुत कम जगह में भी मछली पालन कर सकते हैं।
वहीं, इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के जनरल मैनेजर विजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि हम 615 शाखाओं के साथ प्रदेश में सबसे बड़े बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन शाखाओं में सबसे ज्यादा शाखाएं एलडब्ल्यूबी एरिया में हैं। यहां हम किसानों को बैंकिंग आवश्कता के अनुरूप सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। हमारी शाखा की अहम बात ये है कि हम किसानों के घर पास ही बैंकिंग सेवा उपलब्ध करवा रहे हैं। किसानों को हमारी बैंक 2 करोड़ रुपए तक का लोन प्रदान करती है।
सुरजीत एग्रीकल्चर इंडस्ट्री के डायरेक्टर कुलदीप सिंह होरा ने कहा कि आज खेती का काम आसान नहीं रह गया है। खेती के काम में सबसे अहम समस्या मजदूर की है, किसानों की समस्या को देखते हुए हम ऐसे यंत्र तैयार करते हैं उन्हें मदद करते हैं। पहले ये होता था कि एक फसल लेने के बाद किसान दूसरी फसल नहीं ले पाता था, लेकिन हमारे बनाए उपकरण से किसान कम लेबर में अधिक कमाई कर सकता है। कुछ इलाकों में तो हमारे किसान भाई तीन—तीन फसल लेते हैं।
भुइयां के भगवान कार्यक्रम के दूसरे सत्र के दौरान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसके पाटिल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। सरकार की योजनाओं का इसमें विशेष योगदान रहा है। अन्य राज्यों में तुलना में छत्तीसगढ़ के किसान उर्वरकों का बहुत ही कम मात्रा में उपयोग करते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो हमारा उत्पादन सुरक्षित है।
छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि 50 साल पहले हमारे किसान पूर तरह से आत्मनिर्भर हुआ करते थे। हमारी सरकार की भी यही कोशिश है कि किसानों को फिर से आत्मनिर्भर बनाया जाए। छत्तीसगढ़ की धरती इतनी सबल है कि यहां चाय, कॉफी, नासपाती और मुसब्बी का उत्पादान हो रहा है।
भुइयां के भगवान कार्यक्रम को सफल बनाने में मंडी बोर्ड, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद, नाबार्ड, उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, जीके ऑटो व्हील्स प्राइवेट लिमिटेड, सुरजीत एग्रीकल्चर इंडस्ट्री, सुहाने ग्रुप ऑफ कंपनी, बैंक ऑफ इंडिया, इफको, बीज उत्पादक समिति (अनुराग) और एनएचएमएमआई सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटन का विशेष योगदान रहा।