यात्रा पर सियासत तमाम..माटी-पानी का क्या काम? कहां तक जाएगी यात्रा की राजनीति में प्रतीकों की पॉलिटिक्स?

कहां तक जाएगी यात्रा की राजनीति में प्रतीकों की पॉलिटिक्स? How far will the politics of symbols go in the politics of travel

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  • Publish Date - November 26, 2022 / 12:35 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

सौरभ सिंह परिहार/राजेश मिश्रा/ रायपुर। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर छत्तीसगढ़ में सियासत हो रही है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता यात्रा में शामिल होने गए हैं और साथ ले गए हैं नदियों का पानी और मिट्टी। भाजपा ने इस पर तंज कसा है, जिसपर कांग्रेस ने जबरदस्त पलटवार किया है।

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How far will the politics of symbols go in the politics of travel अरपा, पैरी, इंद्रावती, महानदी, शिवनाथ, हसदेव और सोंढूर ये 7 नदियां छत्तीसगढ़ की जीवनधारा हैं। इनका पानी छत्तीसगढ़ की भूमि को सींचता हुआ हमारी रगों में भी बह रहा है। अब इस पानी में राजनीति का रंग भी शामिल हो गया है। दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने गए छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता अपने साथ 7 नदियों का मिट्टी और पानी ले गए हैं। इस पर बीजेपी ने तंज कसा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि यात्रा में भला नदियों के पानी और मिट्टी का क्या काम?

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भाजपा के इस तंज पर कांग्रेस ने करारा जवाब दिया। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा राहुल की यात्रा से बौखला गई है। यदि छत्तीसगढ़ की पवित्र नदियों का पानी और यहां की मिट्टी, वहां ले जा गई तो भाजपा को इससे तकलीफ क्यों है।

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बहरहाल, भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में है लेकिन इस पर छत्तीसगढ़ में जबरदस्त सियासत हो रही है। सवाल है कि यात्रा की राजनीति में प्रतीकों की पॉलिटिक्स कहां तक जाएगी।

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