बिना सुबूत पति पर लगाए अवैध संबंध के आरोप…. तो पत्नी को क्रूर मानेगा कानून

जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की डिवीजन बेंच ने कहा है कि बिना किसी सबूत के पत्नी द्वारा पति पर विवाहेत्तर अवैध संबंध का आरोप लगाना भी क्रूरता है, इस आधार पर कोर्ट ने पति की तलाक के लिए अपील स्वीकार कर ली है।

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  • Publish Date - April 20, 2022 / 03:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

बिलासपुर: highcourt big decision on husband wife relationship: बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि पति के खिलाफ बिना सुबूतों के कोई पत्नी किसी अन्य औरत से अवैध संबंध होने का आरोप नहीं लगा सकती। अगर पत्नी ऐसा करती है तो इसे पति के प्रति पत्नी की क्रूरता माना जाना चाहिए। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने इस संबंध में टिप्पणी की है। एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा बिना सुबूत ऐसे आरोप सिर्फ आरोप नहीं बल्कि यह क्रूरता हैं। हाईकोर्ट ने इसे क्रूरता मानते हुए पति की ओर से दायर तलाक की याचिका स्वीकार कर ली। मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है।

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पति की जानकारी के बिना पत्नी का गहने गिरबी रखना भी क्रूरता

highcourt big decision on husband wife relationship: जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की डिवीजन बेंच ने कहा है कि बिना किसी सबूत के पत्नी द्वारा पति पर विवाहेत्तर अवैध संबंध का आरोप लगाना भी क्रूरता है, इस आधार पर कोर्ट ने पति की तलाक के लिए अपील स्वीकार कर ली है। वही युगल पीठ ने कहा बिना पति की जानकारी के घर के जेवर किसी भी उद्देश्य से गिरबी रखकर कर्ज लेना या गिरबी रखना भी एक तरह की क्रूरता है। इस लिहाज से पति तलाक लेने का हकदार है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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जानकारी दें कि तारबाहर निवासी एस राजू ने पत्नी पर क्रूरता और परित्याग का आरोप लगाते हुए बिलासपुर परिवार न्यायालय में तलाक की याचिका दायर की थी। परिवार न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी थी। फरियादी ने हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत कर कहा कि विवाह के लगभग 25 साल बाद पत्नी बिना किसी वैध कारण के 15 सितंबर 2011 को उसको छोड़कर चली गई। साथ ही उसने अपनी बेटी के विवाह के लिए जो जेवर बनवाए थे, उनको भी गिरवी रखकर 10-12 लाख तक का कर्जा ले लिया था। जब लेनदार आने लगे तो उसको इस बात की जानकारी हुई। इस पर पत्नी ने अपना पक्ष रखा कि पति के अन्य महिला से अवैध संबंध हैं। साथ ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया था, इसलिए उसने घर छोड़ा। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि पत्नी के पास पति के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध के कोई प्रमाण नहीं हैं। वहीं मामले में सबूतों से पता चलता है कि पत्नी ने पति को जानकारी दिए बिना आभूषण गिरवी रखे, जो उनकी बेटी की शादी के लिए खरीदे गए थे। साथ ही पति के खिलाफ अवैध संबन्ध के लगाए गए आरोप भी झूठे थे। कोर्ट ने पाया कि ऐसे आरोप लगाकर पत्नी ने समाज में पति की मानहानि की है। इसलिए पति तलाक की डिक्री पाने का हकदार था।