रायपुर। Helicopter Incident in raipur : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी छत्तीसगढ़ में एक बड़े प्लेन हादसे का शिकार होते-होते बाल-बाल बचे हैं। यह घटना है साल 2018 की। कांग्रेस नेता सिद्धू अगस्ता कंपनी के इसी 109 पावर एलिट मॉडल के चापर से दौरा कर रहे थे। इस दौरान हेलीकाप्टर आसमान में डगमगाने लगा। प्लेन के गेट खुल गए थे। गनीमत रहा कि पायलट ने सूझबूझ दिखाई और प्लेन को सुरक्षित लैंड कराया। अब चार साल बाद यह प्लेन भीषण हादसे का शिकार हो गया।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एयरपोर्ट पर अगस्ता कंपनी का स्टेट हेलीकाप्टर आखिकार बीती रात एक बड़े हादसे का शिकार हो गया। उड़ान भरने के दौरान प्लेन क्रैश हो गया है। हादसे में छत्तीसगढ़ के सीनियर पायलट गोपाल कृष्ण पांडा और डीजीसीए के पायलट अजय पी श्रीवास्तव की मौके पर मौत हो गई है। हादसा इतना भीषण था कि रनवे पर गिरते ही प्लेन के परखच्चे उड़ गए।
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Helicopter Incident in raipur : इस भीषण हादसे के बाद अब सवाल उठता हैं कि आखिर क्या इस हादसे का इंतजार किया जा रहा था.. ऐसा इसलिए क्योंकि 109 पावर एलिट मॉडल के 20 साल से अधिक पुराने हेलिकॉप्टर एक नहीं बल्कि कई बार तकनीकी खराबी के चलते उड़ान नहीं भर सका।
बताते चले कि साल 2007 में छत्तीसगढ़ की सरकार ने सरकारी इस्तेमाल के लिए खरीदा था। डॉ रमन सिंह की सरकार में इस हेलिकॉप्टर की खरीदी हुई थी। इसके बाद इस चॉपर में कई दौरे मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी किए। इस दौरान ये महसूस किया गया था कि प्लेन में उड़ान भरना पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं।
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खुल गया था गेट
Helicopter Incident in raipur : इस हेलिकॉप्टर में दो टरबाइन इंजन थे। इस हेलिकॉप्टर में ऑटो पायलट, बेहतर लैंडिंग सिस्टम, नेविगेशन, मौसम रडार सिस्टम, जैसी सुविधाएं थीं। एक घटना उस वक्त सुर्खियों में आया था जब मंत्री सिंहदेव प्लेन में सवार थे तब हेलिकॉप्टर का गेट हवा में ही खुल गया था। इसमें पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सवार थे। वहीं यह हेलिकॉप्टर 19 अप्रैल को जांजगीर के लिए उड़ान नहीं भर सका, जिससे सिद्धू की सभा कैंसिल हो गई थी। बात दें कि इस घटना से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इसी प्लेन से कई दौरे भी किए गनीमत रहा कि किसी तरह की कोई घटनाएं नहीं हुई। वहीं 12 मई की रात प्लेन ने दो लोगों की जान ले ली।
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Helicopter Incident in raipur : डीजीसीए के एयरक्रॉफ्ट संबंधी कायदों पर जाए तो एयरक्रॉफ्ट के इंजन या अन्य फिटनेस संबंधी स्पष्ट नियम हैं, लेकिन पूरे एयरक्रॉफ्ट की फिटनेस को लेकर कई बार तकनीकी खामियां सामने आ चुकी हैं। एयरक्रॉफ्ट के जानकारों के मुताबिक हेलीकॉप्टर में हर 3 साल में नवीनतम तकनीकी आती है और अंतरराष्ट्रीय उड़ान नियंत्रण संबंधी नियम भी बदलते हैं। ऐसे में एयरक्रॉफ्ट 20 साल से अधिक के नहीं होने चाहिए। एयरक्रॉफ्ट का संचालन कम्युनिकेशन बेस है, ऐसे में नवीन तकनीकी अपडेशन के बाद पुरानों का संचालन खतरनाक हो सकता है।
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