‘जीरम’.. जांच पर फिर ब्रेक.. इंसाफ कब तक? आखिर कौन छिपाना चाहता है जीरम का सच?

Hearing of new judicial commission on the Jeeram attack again stayed

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  • Publish Date - May 11, 2022 / 11:04 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

 Jeeram attack (रिपोर्टः राजेश राज) रायपुरः बिलासपुर हाईकोर्ट ने जीरम नक्सल हमले को लेकर गठिन नए न्यायिक आयोग की सुनवाई पर बुधवार को रोक लगा दी है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष की तरफ से याचिका दाखिल कर नए न्यायिक आयोग के गठन को वैधानिक तौर पर गलत करार दिया है, जबकि सत्तापक्ष का तर्क है कि जांच अधूरी है और कुछ भी नियम विरूद्ध नहीं किया गया। साथ ही भाजपा से सवाल पूछा है कि आखिर वो जांच में बार-बार अडंगा क्यों लगा रहे हैं? सवाल दोनों पक्षों के हैं। सबसे गंभीर सवाल ये कि क्या है जीरम का सच और आखिर 9 साल बाद भी कौन है जो इसे सामने आने देना नहीं चाहता?

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Jeeram attack मई 2013 के झीरम घाटी कांड की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए नए आयोग की सुनवाई और कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने नए आयोग के गठन की वैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जिस पर चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस RCS सामंत ने राज्य सरकार और आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अब 4 जुलाई को है।

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भाजपा की आपत्ति की सबसे बड़ी वजह ये है कि जीरम कांड की जांच के लिए पूर्व में बने जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसे नियमत: 6 महीने के भीतर विधानसभा में रखा जाना था। जिसपर पक्ष-विपक्ष की बहस के बाद तय होता कि रिपोर्ट पूरी है या अधूरी लेकिन, सरकार ने रिपोर्ट सार्वजनिक किए बिना ही नया आयोग गठित कर दिया गया जो अवैधानिक है।

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इधर, कांग्रेस और सरकार की दलील है कि जस्टिस मिश्रा आयोग ने जिस तरह से राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी वो तरीका ही विधि विरुद्ध है। सरकार के मुताबिक पहली नजर में ही जांच रिपोर्ट अधूरी है। क्योंकि जिन 8 बिंदुओँ को जोड़ा गया, उनपर पहले जांच पूरी नहीं हुई, जिसके लिए दो जजों का आयोग बना कर जांच जारी रखने का फैसला किया। अब हाईकोर्ट के ताजा आदेश पर कांग्रेस ने फिर पूछा कि भाजपा जांच को रुकवा कर आखिर क्या छिपाना चाहती है।

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इस पूरे कांड से जुड़े बड़े सवाल ये हैं कि क्या जस्टिस मिश्रा आयोग की रिपोर्ट पूरी है, अगर हां तो उसे सार्वजनिक करने में क्या दिक्कत है। अब सरकार को मिले नोटिस के बाद अगला कदम क्या होगा। आखिर कब और कैसे सामने आएगा जीरम का सच ?