रायपुर : Hareli Tihar 2023: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि हरेली तिहार सभी के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए। अपने शुभकामना संदेश में सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां के उत्सवों में प्रमुखता से दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ का लोक तिहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।
सब्बो दाई – बहिनी, कका – भाई अऊ बाल – बच्चा मन ला छत्तीसगढ़ के पहली तिहार हरेली के गाड़ा गाड़ा बधई।
धरती माता हा हरियर सिंगार करके अपन लइका मन के स्वागत करत हे। गेड़ी, भौंरा निकल गे हे। चीला, फरा के तैय्यारी हे।
आजे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक घलो शुरु होवत हे।
हमर संस्कृति अइसने फलत… pic.twitter.com/rp13iPKeo5
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 17, 2023
Hareli Tihar 2023: सीएम बघेल ने कहा कि हरेली तिहार को गांवों में बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई और पूजा की जाती है। प्राचीन मान्यता के अनुसार सुरक्षा के लिए घरों के बाहर नीम की पत्तियां लगाई जाती हैं। पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढ़कर हरेली की खुशियां मनाते हैं। इस वर्ष वन विभाग के माध्यम से सी-मार्ट में गेड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध कराई गई है। इससे अपनी पुरातत्व परंपराओं से शहरी लोग भी जुड़ सकेंगे और ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति में सहभागी बनेंगे।
सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है। इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है। यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के लोक पर्व हरेली का उत्साह और उमंग अब विदेशों में भी रंग जमाने लगा है। प्रवासी भारतीय हर साल इसे उत्साह से मनाकर अपनी संस्कृति को दूर-दूर तक पहुंचा रहे हैं।
Hareli Tihar 2023: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। हरेली के दिन ही तीन साल पहले प्रदेश की महत्वाकांक्षी और अनूठी ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ हुआ है। पिछले साल 2022 में हरेली तिहार के दिन से प्रदेश में जैविक खेती और आर्थिक सशक्तिकरण के नए अध्याय की शुरूआत करते हुए ‘‘गो-मूत्र खरीदी’’ प्रारंभ की गई है। इसे आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष हरेली तिहार के दिन से छत्तीगढ़िया ओलंपिक शुरू किया जा रहा है।
Hareli Tihar 2023: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब किसान खुशहाल और समृद्ध होता है, तो आम लोगों के जीवन मे भी खुशहाली और संपन्नता आती है। छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना, गोधन न्याय योजना, और रोका-छेका अभियान के माध्यम से पारंपरिक संसाधनों को पुनर्जीवित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा रहा है। गौठानों को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि विकास के साथ-साथ परंपराओं का भावी पीढ़ी तक प्रवाह सामूहिक उत्तरदायित्व का काम है। आशा है सभी प्रदेशवासी गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए सहभागी बनेंगे।