रायपुरः राज्यपाल एवं कुलाधिपति अनुईया उइके आज कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के पंचम दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और स्नातक, स्नातकोत्तर विद्यार्थियों एवं पीएच.डी. धारकों को उपाधि प्रदान की। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 के 345 स्नातक, 584 स्नातकोत्तर एवं दो शोधार्थियों को पीएच.डी. की डिग्री एवं प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। इस अवसर पर रविशंकर जी महाराज, वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व महासचिव, ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन एन.के. सिंह, विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर उपस्थित थे।
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राज्यपाल उइके ने उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों का आह्वान किया कि पत्रकारिता के उन आदर्श गुणों को अवश्य अपनाएं, जिससे समाज और राष्ट्र का नव-निर्माण हो सके। आधुनिक संचार के युग में मीडिया के विद्यार्थियों के सामने दोहरी चुनौती है कि वे पत्रकारिता के उच्च मानदंडों के साथ अपना कैरियर बनाने के साथ ही समाज और राष्ट्र के मुख्य मुद्दों पर भी अपनी व्यापक दृष्टि रखें। उन्होंने कहा कि वैचारिक तौर पर मीडिया की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता का संकट बढ़ा है। अनेकों बार हम यह देखते हैं कि वंचित-कमजोर वर्ग, महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दे उतनी प्रमुखता से नहीं आ पाते। मीडिया के लिए यह एक चुनौती है कि समाज के ऐसे वर्गों को भी राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ें। उन्होंने कहा कि आज हम स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। स्वाधीनता आंदोलन में समाचार पत्र-पत्रिकाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस दौर में पत्रकारिता एक मिशन की तरह की जाती थी। आजादी के अमृत महोत्सव में उन असंख्य पत्रकारों का त्याग हमें नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
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उइके ने कहा कि सकारात्मक समाचारों को भी प्रमुखता से पाठकों के सामने लाना चाहिए। पॉजिटिव खबरें प्रेरणादायक होती हैं, अन्यथा कई बार बह अखबार खोलने पर लगता है कि दुनिया में सब कुछ गलत ही हो रहा है। सकारात्मक विचार जीवन में भी सकारात्मकता लाते हैं और चेहरे पर मुस्कान भी। पत्रकारिता का जनसरोकार, हमेशा समाज की धुरी है। वह उससे अलग कभी नहीं हो सकता है। पत्रकारिता का मार्ग कठिन हो सकता है, लेकिन समाज के सरोकारों से जुड़ी पत्रकारिता, जनसेवा के महान लक्ष्य को पाने में कभी असफल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि नया मीडिया अनेक संभावनाओं के साथ समाज और देश की नवचेतना जागृत करने में अग्रसर है। सूचना, ज्ञान, मनोरंजन की दुनिया से आगे निकलते हुए आज मीडिया, हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि कई बार मीडिया में छपी खबरों को भी संज्ञान में लेकर उन्होंने जरूरतमंदों की मदद की है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि यहां के विद्यार्थी और यह मीडिया गुरुकुल देशभर में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय परिवार के कुलपति सहित समस्त स्टॉफ को भी हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
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दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार एन. के. सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी अब अपने जीवन के नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं। यह नया जीवन आसान नहीं होगा इसका मार्ग कांटों से भरा है, परंतु यदि आप सभी अपनी सच्ची निष्ठा से कार्य करें तो जरूर सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सच्चे पत्रकार का जीवन एक संत का जीवन होता है। संत की भांति ही पत्रकार को कठोर तप कर समाज के कल्याण के लिए कार्य करना होता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक पत्रकारिता के समक्ष हजारों चुनौतियां हैं। उन्हें निष्पक्ष रूप से एवं बहुआयामी सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है तभी आप एक सफल पत्रकार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को नैतिक रूप से प्रतिबद्ध करने और आधुनिक ज्ञान देने के साथ पूर्ण व्यक्तित्व का धनी बनाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के शिक्षकों पर भी है।
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कुलपति प्रो बल्देव भाई शर्मा ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्र और समाज भारतीय पत्रकारिता के केंद्र बिंदु हैं। सजगता, निर्भयता, सत्यान्वेषण और मानवसेवा पत्रकारिता के 4 आयाम हैं। इसे सभी युवा विद्यार्थियों को अपने जीवन मे आत्मसात करते हुए जनकल्याण के लिए पत्रकारिता करनी चाहिए।
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इस अवसर पर दीक्षांत समारोह की स्मारिका का विमोचन किया गया। विश्वविद्यालय का कुल गीत और राज्य गीत भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर, धीर सक्सेना, कार्य परिषद् और विद्या परिषद् के सदस्य एवं विश्वविद्यालय संकाय सदस्य सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित थे। कुल सचिव आनंद शंकर बहादुर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।