रायपुर । छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं। तमाम मुद्दों पर सियासत गरमाती दिख रही है। इस बीच पुराने घोटालों के जिन्न भी बाहर निकल रहे है। प्रदेश के बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले को लेकर ताजा अपडेट ये है कि मुख्य आरोपी उमेश सिन्हा के नारको टेस्ट की सीडी और FSL रिपोर्ट कोर्ट के आदेश से पुलिस को सौंप दी गई है। अब केस की नए सिरे से जांच होगी। इस पर पक्ष-विपक्ष में जुबानी जंग भी शुरू हो गई है।
छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले के मुख्य आरोपी उमेश सिन्हा के नारको टेस्ट की सीडी और FSL रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है। अब जांच नए सिरे से होगी। जांच में कई नए खुलासे हो सकते हैं और कार्रवाई भी हो सकती है। BJP का कहना है कि अगर जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
इधर बढ़ती सियासत और बीजेपी नेताओं के बयानों को कांग्रेस इसे चोर की दाढ़ी में तिनका बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी नेता घबरा क्यों रहे हैं। बता दें कि साल 2006-7 में करीब 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला हुआ था। इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा समेत बैंक संचालक मंडल के 18 लोगों ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और अमानत में ख्यानत समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ था। अब देखना होगा कि छत्तीसगढ़ के इस बहुचर्चित घोटाले की जांच में कुछ नए तथ्य सामने आते हैं या फिर ये केवल चुनावी स्टंट साबित होता है।