Women and child development department stopped child marriage: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। बाल विवाह अभिशाप के साथ-साथ गंभीर अपराध भी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा के कारण आज भी नाबालिक लड़के लड़कियों शादी जबरन कर दी जाती है, जिसका खामियाजा आने वाले समय में नाबालिक दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार को भुगतना पड़ता है।
ऐसा ही एक मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पेंड्रा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम पीथमपुर में एक 15 वर्षीय नाबालिक लड़की की बाल विवाह चल रहा था, जहां सूचना पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग की टीम ने नाबालिग लड़की के बाल विवाह को परिजनों को समझाइश देकर शादी रुकवाई और लड़की जब बालिग हो जाए तो विवाह करने की सलाह दिया।
Women and child development department stopped child marriage: शिक्षा के अभाव में भले ही बाल विवाह कर दिया जाता है, लेकिन आने वाले भविष्य पूरी तरह अंधकार हो जाता है। बाल विवाह करना गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है। बाल विवाह करते पाए जाने पर शासन प्रशासन के द्वारा सजा का भी प्रावधान है। इसलिए बाल विवाह करने से बचें और बाल विवाह रोकने में शासन प्रशासन को सहयोग करे। IBC24 से शरद अग्रवाल की रिपोर्ट