जीपीएम। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला सहित पूरे प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कलेक्टर दर पर वेतन सहित अपनी 6 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए है। लेकिन अपनी इन आधा दर्जन मांगों को पूरा होता न देख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अब सड़कों पर विभिन्न रूपरंग में नजर आ रहे हैं। कोई कार्यकर्ता दुर्गा तो कोई काली तो कोई अहिंसा का पुजारी महात्मा गाँधी बनकर सरकार का ध्यान अपनी तरफ अपनी ओर खींचने में लगा हुआ है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल पिछले कई दिनों से लगातार जारी है। इनकी प्रमुख मांगों में शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक कलेक्टर दर पर वेतन, पदोन्नति शामिल है। ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका माँ दुर्गा के नव रूपों सहित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रूप धारण कर सरकार का ध्यान अपनी ओर करने सड़को पर उतरी हुई हैं।
वहीं एक अन्य जिले जशपुर में भी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 दिनों से हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को काम पर लौटने के लिए प्रशासन ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है । प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई से भड़की हड़ताली कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने प्रदेश सरकार के आदेश को मानने से इनकार करते हुए आंदोलन स्थल पर ढोल बजा कर विरोध जताया है ।
संघ की जिलाध्यक्ष कविता यादव ने बताया कि प्रदेश समेत जशपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपनी मांगों को लेकर 25 दिन से हड़ताल पर बैठी है और उन महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी इस हड़ताल में बैठे हैं । लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला बाल विकास विभाग के मंत्री अनिला भेड़िया ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है ।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मानदेय वृद्धि और नर्सरी शिक्षक की मान्यता देने का वायदा करने वाली कांग्रेस अब अपने वायदे को पूरा करने की जगह आंदोलन को कुचलने पर उतर आई है । उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार के नोटिस के बाद भी मांग पूरी होने तक आंदोलन चलता रहेगा ।