Reported By: Sharad Agrawal
,बिलासपुर।Marhi Mata Mandir In Pendra: बिलासपुर से कटनी रेलरूट में मरही माता की महिमा अपार है जहां ट्रेन की रफ्तार थम जाती है और बिना दर्शन किए यात्री रास्ता पार नहीं करते। चैत्र नवरात्र पर बिलासपुर से कटनी रेल मार्ग पर स्थित भनवारटंक रेलवे स्टेशन की मरही माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही भक्तों की भीड़ मंदिर में मातारानी के दर्शन के लिए पहुँचती है। यह मंदिर भनवारटंक रेलवे स्टेशन के ठीक किनारे स्थित है। माता का आशीर्वाद लोगों को मिल सके। इसके लिए यहां ट्रेनें रुकती है। मां की महिमा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार भी मंदिर के सामने धीमी हो जाती है।
पूरी होती है हर मनोकामना
बिलासपुर कटनी रेल रूट पर जंगलों के बीच स्थित मरही माता मंदिर में भी अन्य मंदिरों की तरह ही नवरात्र पर विशेष पूजा अर्चना होती है। मंदिर में पूरे नौ दिनों तक होने वाली विशेष पूजा अर्चना में भारी संख्या में श्रध्दालु शामिल होते हैं। इसके अलावा मंदिर में मन्नत पूरी होने पर नारियल बांधने और बलि भी देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है लेकिन नवरात्र में 9 दिनों तक बलि पर रोक रहती है। सन 1984 में इंदौर-बिलासपुर-नर्मदा एक्सप्रेस से बड़ी रेल हादसे के बाद यहां पर रेलवे कमर्चारी और वन विभाग के लोगों ने मरही माता की मूर्ति को यहां पर विराजित किया था। इसके बाद यहां पर एक छोटे से मंदिर का निर्माण कराया गया।
बांधे जाते हैं मन्नत के धागे
Marhi Mata Mandir In Pendra: मान्यता है कि मरही माता के आशीर्वाद से ही बिलासपुर, कटनी रेल रूट की जंगली और पहाड़ी क्षेत्र भनवारटंक में हादसों से रक्षा होती है। नवरात्र के पहले दिन से ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है, जहां लोग मन्नत के लिए नारियल बांधकर दुआएं मांगते हैं। यहां माता को प्रणाम करने के बाद ही लोग आगे की यात्रा पूरी करते हैं. मरही माता के मंदिर में भीड़ ही काफी है मां की महिमा बतलाने के लिए। वहीं मान्यता है की मरहीमाता के आशीर्वाद से ही बिलासपुर कटनी रेल रूट का जंगली और पहाडी क्षेत्र भनवारटक में हादसों से रक्षा होती है।