राजिम। गरियाबंद जिले के राजिम में कमार जनजाति के लोग सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। इसकी बानगी फिंगेश्वर से लगे छुरा ब्लॉक के ग्राम जरगांव में देखने को मिली। कमार जनजाति की अमरौतीन बाई का इकलौता बेटा उदय लंबी बिमारी के बाद दिव्यांग हो गया। बहू बीमार पति को छोड़ के भाग गई। ऐसे में पीड़ित बेटा, दो पोते समेत परिवार के 5 सदस्यों की जिम्मेदारी अब बूढ़ी माँ के कंधे पर आ गयी है।
हैरानी की बात तो यह है कि यह परिवार सभी प्रकार के सरकारी योजनाओं से भी वंचित है। आवास पेंशन जैसे अनिवार्य सेवा के अलावा दोनों पोते की पढ़ाई भी सिस्टम की अनदेखी की भेंट चढ़ गया है।योजनाओं को पलीता लगाने वाले अफसर अब जाकर पीड़ित परिवार की सुध लेने का राग अलाप रहे हैं। क्षेत्र में कमार जनजाति के 200 से ज्यादा परिवार रहते हैं ,इनके लिए चलाए जा रही ज्यादातर योजनाएं केवल कागजों पर ही चल रही है। IBC24 से नीरज कुमार शर्मा की रिपोर्ट
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