नारायणपुरा, 11 जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए लगाए गए चार आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) निष्क्रिय कर दिए गए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की संयुक्त टीम ने कोहकामेटा थाना क्षेत्र में कच्चापाल-टोके मार्ग पर शुक्रवार दोपहर चार आईईडी बरामद किए।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक आईईडी का वजन पांच किलोग्राम था और बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) ने इन्हें निष्क्रिय कर दिया।
अधिकारी के अनुसार, नक्सलियों ने शुक्रवार सुबह इसी क्षेत्र में आईईडी विस्फोट किया था, जिसमें एक मवेशी घायल हो गया था और दो ग्रामीण बाल-बाल बच गए थे।
उन्होंने बताया कि कोहकामेटा क्षेत्र में 20 दिसंबर को हुए आईईडी विस्फोट में डीआरजी के दो जवान घायल हो गए थे।
पुलिस के मुताबिक, नक्सली बस्तर के अंदरूनी इलाकों में गश्त करने वाले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए जंगल में सड़कों और कच्ची पगडंडियों के किनारे अक्सर आईईडी लगाते हैं। अतीत में कई बार नागरिक इन विस्फोटक उपकरणों की चपेट में आ चुके हैं। बस्तर क्षेत्र में नारायणपुर सहित सात जिले आते हैं।
नारायणपुर के ओरछा थाना क्षेत्र के कुरुषनार गांव में शुक्रवार को एक आईईडी में हुए विस्फोट में एक ग्रामीण की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे।
बीजापुर जिले में नक्सलियों ने छह जनवरी को एक वाहन को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया था, जिसमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान और एक चालक की मौत हो गई थी।
सुकमा जिले में नौ जनवरी को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे।
भाषा प्रीति पारुल
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