रायपुर: छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2018-19 की कैग रिपोर्ट को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक विकास कार्यों के लिए राशि प्रावधान होने के बावजूद तत्कालीन बीजेपी सरकार और मौजूदा कांग्रेस सरकार काम नहीं करा पाई और इन कामों के लिए 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि लैप्स हो गई। अब इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राज्य सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विस्तृत जानकारी पेश कर तत्कालीन रमन सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।
बीते दिनों मानसून सत्र में छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति को लेकर कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई। रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस में वार-पलटवार शुरू हो गया है। बीजेपी विधायकों ने राज्य सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ट्वीट किया कि राज्य सरकार की नीतियां और व्यवस्थाएं खोखली है। साल 2018-19 की कैग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए लिखा कि कांग्रेस सरकार ने CGRDCL को सड़क निर्माण के लिए 1157 करोड़ रुपए की राशि का अलाटमेंट किया। लेकिन उसमें से 633 करोड़ रुपए खर्चा ही नहीं कर पाई, जो इस सरकार की लापरवाही और निकम्मापन को बताती है।
रमन सिंह के आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने भी ट्टिटर पर शायराना अंदाज में निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘डरकर आईना देखने से इंकार करता है, फिर भी खुद ही खुद को बेनकाब करता है।’ इस लाइन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2018-19 में PWD, ADB और CGRDCL पर हुए अलॉटमेंट और खर्च की पूरी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 तक छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार रही, जबकि इस वित्तीय वर्ष में कांग्रेस सरकार का कार्यकाल सिर्फ 3 महीने का रहा।
सीएम के ट्वीट के बाद कांग्रेस भी बीजेपी पर हमलावर है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने कहाकि CAG की रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी, कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नही लगा पाई। जबकि रमन सरकार के समय 15 वर्षों तक CAG की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के अनेक प्रमाणिक आरोप लगे थे।
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यानी वर्ष 2018-19 में CAG के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो एडीबी ,पीडब्ल्यूडी और CGRDCL की औसतन 60 फ़ीसदी राशि खर्च हुई। इस वित्तीय वर्ष में 9 महीने की तत्कालीन बीजेपी सरकार की अपेक्षाकृत 3 महीने की कांग्रेस सरकार का पैसे खर्च करने के मामले में स्ट्राइक रेट बेहतर रहा। बावजूद तीनों कामों के लिए अलाटमेंट की कुल राशि से 1000 करोड़ रुपए राशि लैप्स हो गई। ऐसे में राज्य सरकार की इस वित्तीय वर्ष में राशि लैप्स न हो इसके लिए अभी से ही संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए बेहतर रणनीति तैयार करनी होगी।