नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2022। Fact Check of the IAS officer viral photo : बीते कुछ समय से सोशल मीडिया पर एक अखबार की ऐसी कटिंग वायरल हो रही है, इसमें एक अस्पताल की फोटो है और कई महिला मरीज नजर आ रही हैं, एक अधिकारी अपना पैर एक बेड पर रखकर खड़ा है, इसी बेड पर एक महिला एक छोटे बच्चे के साथ बैठी हुई है। इस फोटो के साथ हेडलाइन लगी है, “मरीजों से मिलने गए तो यूं रहा छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षु अफसर सोनकर का अंदाज”। अब इसे शेयर करते हुए लोग कह रहे हैं कि ये छत्तीसगढ़ का ताजा मामला है। इस फोटो पर लोग तरह तरह से कमेंट कर रहे हैं।
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Fact Check of the IAS officer viral photo : एक ट्विटर यूजर ने कहावत कहते हुए लिखा, “जैसे जहां के नदी नवारे, तैसे तहां के भरका. जैसे जाके बाप माहतारी तैसे ताके लरका, आईएएस हो जाने से संस्कार भी आ जाएं, यह कोई गारंटी नहीं है”। ट्वीट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी घटना का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है, फेसबुक पर भी ये फोटो काफी शेयर की जा रही है।
लेकिन इस वायरल खबर का सच कुछ और ही है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह खबर करीब 6 साल पुरानी है, उस समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नहीं बल्कि बीजेपी की सरकार थी और डॉक्टर रमन सिंह मुख्यमंत्री थे।
वायरल खबर में लगी तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर ये “द वॉइस ऑफ सिक्किम” नाम के एक फेसबुक पेज पर मिली, यहां इसे 5 मई, 2016 को पोस्ट किया गया था, इससे इतनी बात तो यहीं साबित हो जाती है कि ये घटना हाल-फिलहाल की नहीं है।
कीवर्ड सर्च की मदद से खोजने पर साल 2016 की “डेक्कन क्रॉनिकल” की एक रिपोर्ट मिली, ये रिपोर्ट 10 मई 2016 को छापी गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टर से आईएएस बने जगदीश सोनकर की यह फोटो वायरल होने के बाद काफी बवाल हुआ था, बवाल बढ़ने पर जगदीश सोनकर ने अपने बर्ताव के लिए फेसबुक के जरिये माफी भी मांगी थी।
“इंडिया डॉट कॉम” नाम की वेबसाइट पर एक खबर मिली जिसमें जगदीश सोनकर का वो फेसबुक पोस्ट पढ़ा जा सकता है जिसमें उन्होंने अपने बर्ताव के लिए खेद जताया था, उन्होंने लिखा था, “मेरे इस बर्ताव को किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है और मैं इसके लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं। मुझे पता है कि इस हरकत से आईएएस अधिकारियों की छवि किस तरह से धूमिल हुई है। मैं सभी से क्षमा प्रार्थी हूं”।
कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने मुख्य सचिव से कहा था कि आईएएस सोनकर को शिष्टाचार सिखाया जाए। आईएएस एसोसिएशन ने भी एक ट्वीट के जरिए इस घटना की निंदा की थी।
मिली जानकारी के अनुसार 2013 में आईएएस बनने से पहले जगदीश सोनकर पेशे से डॉक्टर थे। जिस वक्त ये तस्वीर ली गई तब डॉक्टर जगदीश सोनकर बलरामपुर जिले के अंतर्गत रामानुजगंज के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) थे और सरकारी अस्पताल का दौरे करते वक्त एक मरीज़ से हालचाल पूछ रहे थे। जाहिर है, जिस फोटो को हाल-फिलहाल की बता कर भ्रम फैलाया जा रहा है असल में वो साल 2016 की तस्वीर है।