शिक्षा विभाग ने जारी किया प्रदेश के सभी स्कूलों के निरीक्षण का निर्देश, इन बिंदुओं के आधार पर होगा निरीक्षण

शिक्षा विभाग ने जारी किया प्रदेश के सभी स्कूलों के निरीक्षण का निर्देश! Education Department issued instructions for inspection of all schools

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  • Publish Date - October 8, 2021 / 10:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

रायपुर: राज्य में स्कूलों की अकादमिक व्यवस्था में कसावट लाने के लिए निरीक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। स्कूलों के निरीक्षण के लिए प्रति माह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। संकुल समन्वयक संकुल की प्रत्येक स्कूल का कम से कम एक बार, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी, स्कूल प्राचार्य को क्षेत्र अंतर्गत आने वाली कुल स्कूलों में से 10 प्रतिशत स्कूलों की मॉनिटरिंग इस प्रकार करेंगे कि वर्ष में उनके द्वारा क्षेत्र की शत-प्रतिशत स्कूलों की मॉनिटरिंग हो जाए। जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डाईट, जिला मिशन समन्वयक को कुल स्कूलों में से 5 प्रतिशत स्कूलों की मॉनिटरिंग इस प्रकार करेंगे कि वर्ष में उनके द्वारा क्षेत्र की 50 प्रतिशत स्कूलों की मॉनिटरिंग हो जाए।

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अक्टूबर माह में स्कूलों के निरीक्षण के लिए 15 बिन्दु तय किए गए हैं। जिसके आधार पर स्कूलों की वास्तविक स्थिति को देखकर हां या न में जवाब देना है। स्कूलों के निरीक्षण के लिए शामिल किए गए बिन्दुओं में-

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  • शाला में 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे 10 दिनों से लगातार नियमित रूप से उपस्थित हो रहे हैं।

  • सभी कक्षा में कक्षा अनुरूप लर्निंग आउट कम की प्राप्ति करने वाले बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है।

  • मुस्कान पुस्तकालय से 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे पुस्तकों का नियमित अध्ययन एवं पुस्तक आधारित गतिविधि में शामिल हो रहे हैं।

  • कक्षा से 5 बच्चों का रेंडम चयन कर पठन एवं गणितीय कौशल का आंकलन करने पर वे सही-सही पढ़ एवं गणित कर पा रहे हैं।

  • विभिन्न विषयों के अध्यापन को प्रयोग प्रदर्शन के साथ जोड़कर समझ के साथ सीखना सुनिश्चित करने शाला के सभी शिक्षक नियमित रूप से प्रयोगों का सहारा लेते हैं।

  • शाला का वातावरण आकर्षक, साफ-सुथरा और भवन सुरक्षित एवं मजबूत है।

  • सभी बच्चे साफ-सुथरे, स्वच्छ गणवेश और मास्क पहनकर आते हैं और उनके बाल एवं नाखून भी ठीक से कटे हुए हैं।

  • शाला प्रबंधन समिति की नियमित बैठकों का आयोजन होता है और इन बैठकों में बच्चों के गुणवत्ता सुधार पर ध्यान दिया जाता है।

  • मध्यान्ह भोजन बनाने, वितरण एवं पेयजल आदि की व्यवस्था अच्छी है।

  • शौचालय, मूत्रालय आदि स्वच्छ, उपयोग के लायक एवं पानी की उपलब्धता के साथ हाथ धोने के लिए साबुन आदि की व्यवस्था है।

  • पढ़ई तुंहर दुआर 2.0 की सभी गतिविधियां पढ़ने-लिखने का अभ्यास, गणित के सवाल, विज्ञान के प्रयोग, प्रोजेक्ट कार्य स्कूल में आयोजित किए जा रहे हैं।

  • राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण के अनुरूप स्कूलों में बच्चों के साथ निरंतर अभ्यास करवाया जा रहा है।

  • बच्चों के आंकलन की जांची हुई उत्तर पुस्तिकाएं स्कूल में उपलब्ध हैं।

  • बच्चों का स्तर आंकलन में दिए गए अंत के अनुरूप है।

  • कोरोना लॉकडाउन की वजह से हुए सीखने के नुकसान को कम करने समुदाय द्वारा बच्चों को सीखने के लिए स्कूल समय से अगल समय देकर सीखने के लिए व्यवस्था में सहयोग दिया जा रहा है।