ईडी ने मेरे परिवार के सदस्यों को बुलाया : मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा

ईडी ने मेरे परिवार के सदस्यों को बुलाया : मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा

ईडी ने मेरे परिवार के सदस्यों को बुलाया : मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा
Modified Date: September 6, 2023 / 03:51 pm IST
Published Date: September 6, 2023 3:51 pm IST

रायपुर, छह सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने बुधवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनके दो बेटों सहित उनके परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए बुलाया है।

ईडी ने पिछले महीने एक कथित अवैध सट्टेबाजी और जुआ ऐप से जुड़े धनशोधन मामले में वर्मा के यहां छापा मारा था।

वर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक तस्वीर साझा की और लिखा है कि उन्होंने अपने दो बेटों और एक बहनोई को यहां ईडी अधिकारी के पास छोड़ दिया है।

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वर्मा ने लिखा है, ”ईडी ने अब मेरे परिवार को बुला लिया है। मैं दोनों बेटों पुनर्वसु, तथागत और बहनोई तुकेंद्र वर्मा को ईडी के दफ़्तर छोड़ आया हूं। कल मेरी पत्नी जया को बुलाया गया है। केंद्र सरकार के इशारे पर एजेंसियां चाहे जो कर लें, वे भूपेश बघेल और और उनकी टीम के हौसले नहीं तोड़ सकतीं।”

केंद्रीय एजेंसी ने 28 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत वर्मा और मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) मनीष बंछोर का बयान दर्ज किया था।

ईडी ने ‘महादेव ऑनलाइन बुक’ नामक कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप में धन शोधन जांच के मामले में 23 अगस्त को वर्मा और दो ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के परिसरों पर छापा मारा था।

एजेंसी ने उसी दिन इस मामले में सहायक उप निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा, कथित हवाला ऑपरेटर अनिल और सुनील दम्मानी तथा सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया था।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार पुलिसकर्मी ने छत्तीसगढ़ में उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं को प्रभावित करने के लिए वर्मा के साथ अपने ‘संबंध’ का इस्तेमाल किया। उसने दुबई से प्राप्त हवाला फंड का भी इस्तेमाल किया।

ईडी ने कहा था कि दुर्ग जिले के एक शहर भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऐप के ‘मुख्य प्रवर्तक’ हैं और दुबई से कारोबार संचालित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्रवाई के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि उनके सहयोगियों पर ईडी और आयकर विभाग के छापे राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास है।

विनोद वर्मा ने 24 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके पास गलत तरीके से कमाया गया एक पैसा भी नहीं है।

वर्मा ने ईडी की छापेमारी को डकैती करार देते हुए दावा किया था कि एजेंसी ने खरीद के बिल दिखाने के बावजूद उनके घर से मिले आभूषण जब्त कर लिए।

भाषा संजीव संजीव मनीषा

मनीषा


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