रायपुरः ED Raid Kawasi lakhma House: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने एक्शन लिया है। टीम में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के ठिकानों पर दबिश दी है। उधर, सुकमा में उनके बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के शासकीय आवास में भी अधिकारी पहुंचे हुए हैं। अब इस कार्रवाई को लेकर प्रदेश में सियासत गर्म हो गई है। साय सरकार में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार में एक से बढ़कर एक घोटाला हुआ है। घोटाला करने वाले कई लोग आज जेल के अंदर है। पूर्व की कांग्रेस सरकार शराब, कोल, भू माफिया थी। 25 सौ करोड रु से ज्यादा का शराब घोटाला हुआ है। आबकारी घोटाले में दिल्ली में बैठे लोग भी शामिल है। कवासी लखमा तो मोहरा थे। खेल करने वाले दूसरे थे।
ED Raid Kawasi lakhma House: बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले को लेकर यह कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दे रहे थे। रिपोर्ट्स ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था।
ईडी ने कवासी लखमा के घर छापेमारी इसलिए की क्योंकि उन पर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप है। जांच में यह पाया गया कि उन्होंने इस घोटाले से जुड़े कमीशन का बड़ा हिस्सा प्राप्त किया था।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला है, जिसमें 2,161 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध शराब कारोबार का आरोप है। इसमें कई नेता और अफसर मिलकर एक अवैध सिंडिकेट चला रहे थे।
इस मामले में एसीबी ने कुल 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें कवासी लखमा का नाम भी शामिल है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध शराब कारोबार से प्राप्त कमीशन में हिस्सा लिया था।
कवासी लखमा पर आरोप है कि वे शराब घोटाले के दौरान अवैध सिंडिकेट का हिस्सा थे और उन्हें हर महीने भारी रकम के रूप में कमीशन प्राप्त होता था।