डोंगरगढ़: इलाके के बहुचर्चित रमेश जनबंधु हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। उधारी के लेनदेन पर हत्या होने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने आरोपियों का ब्रेन मैपिंग कर अंधे कत्ल की इस गुत्थी को सुलझाया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस हत्याकांड में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार प्रार्थी श्रीनिवास जनबंधु डोंगरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका उसका छोटा भाई रमेश जनबंधु 24 जून 2021 को अपने मोटरसाइकिल से बिल्डिंग मटेरियल सामान का पैसा वसूलने ग्राम बछेराभाटा जाने के नाम पर घर से निकला था जो वापस से नहीं लौटा। इस शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश प्रारंभ की गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के तीन दिन बाद 28 जून को ग्राम रउकसा डेम थाना बोरतलाव के ऊपर सड़ी- गली अवस्था में एक लाश मिली थी जिसकी पहचान डोंगरगढ़ निवासी रमेश बंधु के रूप में हुई।
प्रथम दृष्टि हत्या का मामला लगने पर बोर तलाव थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्जी कर जांच में लिया गया। जांच के दौरान मृतकों के परिजनों एवं ग्रामीणों से पूछताछ के बाद संदेही महेश सोनी, राहुल सोनी,अजय शर्मा एवं सूरज वर्मा से पूछताछ की गई लेकिन जिन्होंने घटना से साफ इनकार कर दिया। इसके पश्चात आरोपी महेश सोनी व सूरज वर्मा को ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया गया परीक्षण रिपोर्ट में घटना के संबंध में कुछ अहम तथ्य सामने आए। ब्रेन मैपिंग टेस्ट के आधार संदेही आरोपी महेश सोनी राहुल सोनी अजय शर्मा तथा सूरज वर्मा को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ किया तब उन्होंने हत्या की बात कबूल की।
आरोपियों ने बताया कि महेश सोनी ने बताया कि घर बनाने के लिए रमेश जनबंधु से बिल्डिंग मटेरियल का सामान लिया था। जिसका कुछ पैसा बाकी था। रमेश जनबधु बार-बार तकादा के लिए आता था। जिससे वह परेशान था। घटना के दिन रमेश जनबंधु से उसका विवाद हुआ था। उसने जनबंदु को राऊकसा डेम के पास बुलाया तथा उसके बेटे तथा दोस्तो ने मिलकर जनबधु पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई। लाश को डेम में डालकर सभी लोग भाग गए थे।