दुर्ग: अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने वाले चिटफंड कंपनियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में लगातार कार्यवाही जारी है। इसी कड़ी में दुर्ग कोर्ट द्वारा आज चिटफंड कंपनी यस ड्रीम रियल स्टेट कंपनी के खिलाफ आदेश पारित किया गया। (Chit Fund Company Paisa Wapsi Chhattisgarh) इस आदेश के अनुसार कंपनी के निवेशकों की जमा पूंजी से खरीदी गई संपत्ति की कुर्की कर पीड़ित निवेशकों को निवेश की गई रकम प्रशासन के माध्यम से वापस किया जाएगा।
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बिलासपुर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के कारण यह प्रक्रिया पिछले 7 वर्षों से लंबित थी। प्रकरण पर लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने शासन की ओर से पैरवी की थी। बता दें कि भिलाई में संचालित यस ड्रीम रियल स्टेट कंपनी ने लोगों को अधिक ब्याज देने के सुनहरे सपने दिखाकर करोड़ों रुपए की संपत्ति अपनी कंपनी में निवेश कराई थी। जिसके बाद कंपनी ने निवेशकों की रकम को हड़प लिया था। निवेशकों की जमा गाड़ी कमाई से करोड़ों रुपए की चल अचल संपत्ति अर्जित की थी। निवेशकों ने रकम नहीं मिलने पर पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई थे।
जिस पर पुलिस ने चिटफंड अधिनियम के तहत यह ड्रीम के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव सहित अन्य के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर उन्हें जेल भेज दिया था। कंपनी पर लगभग 2695 निवेशकों की 21 करोड़ 86 लाख 84 हजार रुपए की रकम हड़पने का आरोप था। डिस्टिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में किया गया प्रकरण पर विचार करते हुए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने 23 अप्रैल 2016 को कंपनी की संपत्ति को जप्त किए जाने का अंतरिम आदेश जारी किया था और इस अंतरिम आदेश पर कुर्की का अंतिम आदेश जारी करने बाबत विशेष न्यायालय में प्रकरण को प्रेषित किया गया था। इसी दरम्यान कंपनी के संचालक अमित श्रीवास्तव सहित अन्य ने इस अंतरिम आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली थी, जिस पर हाईकोर्ट द्वारा प्रकरण की सुनवाई पर स्थगन आदेश जारी किया गया था।
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अमित श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में कंपनी की संपत्ति लगभग 100 करोड़ होने का दावा किया था, हालांकि हाईकोर्ट के समक्ष इन दावे की पुष्टि करने में कंपनी के संचालक सफल नहीं हुए थे। बिलासपुर हाईकोर्ट ने 2 मई 2023 को प्रकरण की सुनवाई पर लगी रोक को हटाते हुए जिला विशेष न्यायालय को आदेशित किया था कि मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद इस पर अंतिम आदेश जारी किया जाए। (Chit Fund Company Paisa Wapsi Chhattisgarh) हाई कोर्ट द्वारा स्थगन शिथिल किए जाने के बाद प्रकरण विचारण विशेष न्यायाधीश नीता यादव की अदालत में किया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने डिस्टिक मजिस्ट्रेट के अंतरिम आदेश पर मुहर लगाते हुए इनकी संपत्ति कुर्क किए जाने का अंतिम आदेश पारित कर दिया है।