Bhilai Shiv Mandir: कलचुरी कालीन शिव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, रहस्यों से भरी है इस मंदिर की कहानी, जुड़ी है कई मान्यताएं

Bhilai Shiv Mandir: कलचुरी कालीन शिव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, रहस्यों से भरी है इस मंदिर की कहानी, जुड़ी है कई मान्यताएं

  • Reported By: Komal Dhanesar

    ,
  •  
  • Publish Date - March 8, 2024 / 08:41 AM IST,
    Updated On - March 8, 2024 / 08:41 AM IST

भिलाई। Bhilai Shiv Mandir: दुर्ग जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम देवबलौदा में भगवान शिव जी के प्राचीन मंदिर में शिवरात्रि पर शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह 3 बजे से शिवभक्त दर्शन के लिए कतार में लगे हैं। इंतजार के बाद शिव भक्त दर्शन पाकर काफी प्रसन्न भी है यहां पर पिछले दो दिनों से देव बलोदा महोत्सव भी चल रहा है। साथ ही भक्तों की सेवा के लिए कई समितियां सेवा में लगी है। कलचुरी काल में बने इस मंदिर को छह मासी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। रहस्यों से भरे इस मंदिर से जुड़ी कई किवदंतियां हैं। ग्रामीणों की मानें तो राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। लेकिन पुरात्तव विभाग इसे 13 शताब्दी का कल्चुरी कालीन मंदिर बताता है।

Read More: CG News: महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण किया पेश, छिंद-कांसा की आकर्षक वस्तुएं बनाकर किया विक्रय 

कारीगर ने कुंड में लगाई थी छलांग

प्राचीन कालीन इस मंदिर में वास्तुकला औऱ शिल्पकारी का नायाब नमूना देखने मिलता है। पूर्वमुखी यह मंदिर लाल बलुवा पत्थरों से बना है। पत्थरों को चूना, गुड व अन्य सामग्रियों के मिश्रण से जोड़ा गया है। इसके हर पत्थर में देवी दुर्गा, काली, गणेश जी और हाथी, घोड़े के अलावा कई पौराणिक कलाकृतियां उकेरी गई हैं। यहां आने वाले लोग बताते हैं कि किसी काल खंड में छह महीने तक रात और दिन हुए थे। उसी दौरान एक शिल्पकार ने छह महीने की रात में ही इस मंदिर का निर्माण किया था। इसी वजह से इसे छहमासी मंदिर कहा जाता है। गांव के बुजुर्गो और दंतकथा के अनुसार कारीगर की पत्नी रोज खाना लेकर आती थी। एक दिन पत्नी के बदले उनकी बहन खाना लेकर आई। उस वक्त कारीगर नग्न अवस्था में मंदिर का निर्माण कर रहा था। खाना लाते अपनी बहन को देखकर वह शर्मसार हो गया और मंदिर के निकट स्थित कुंड में कूद गया।

Read More: Jabalpur News: 75 फीट ऊंची शिव प्रतिमा के दर्शन करने लगा भक्तों का तांता, बोल बम के जय कारों से गूंजा मंदिर परिसर

Bhilai Shiv Mandir: इस घटना के बाद उनकी बहन भी मंदिर के पीछे स्थित तालाब में कूद गई। इस वजह से मंदिर के ऊपर गुम्बद का निर्माण नहीं हो पाया। शायद पूरे भारत में बिना गुम्बद वाला यह एक लौता मंदिर है। इस प्राचीन मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि कोई भी मनोकामना छह महीने में पूरी हो जाती है। कुछ सालों में यहां शिवभक्तों की भीड़ काफी बढ़ गई है। पिछले कई वर्षों से नगर निगम भी यहां पर शिवरात्रि को एक महोत्सव के रूप में मनाता रहा है इसलिए दो दिनों से यहां पर चल रहे देवबलौदा महोत्सव में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो रहे हैं।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp