रायपुर: Don’t Worry Kaka in Here छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में कांग्रेस का ये स्लोगन तो आपने सुना ही होगा ‘भूपेश है तो भरोसा है’, लेकिन अब ये कहना गलत ना होगा कि कांग्रेस को है कका पर भरोसा है। क्योंकि बात चाहे चुनाव में नैय्या पार लगाने की हो या फिर पार्टी को किसी संकट से उबारने की। हर बार पार्टी भूपेश पर भरोसा कर नई जिम्मेदारी देती है। ये भी सच है कि बीते 3 से 4 सालों में देशभर में छत्तीसगढ़ मॉडल और भूपेश बघेल की जमकर चर्चा रही है। हालांकि भाजपा इसे पुरजोर तरीके से खारिज करती है। लेकिन क्या भाजपा के पास कांग्रेस की बड़ी उम्मीद और भरोसा बन चुके भूपेश बघेल की कोई काट है? क्योंकि अभी तो हर मुसीबत में कांग्रेस की एक ही राहत है…’डोंट वरी ‘कका’ हैं ना’
Don’t Worry Kaka in Here राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से बाहर निकल रहे ये हरियाणा के कांग्रेस विधायक हैं। जो चार्टर्ड प्लेन से छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। इनकी संख्या एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग का डर है। कांग्रेस विधायक पाला न बदले इसलिए एहतियातन सबको छत्तीसगढ़ लाया गया है।
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एक ओर कांग्रेस नेता बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी दावा कर रही है कि कांग्रेस में विश्वसनीयता ही खत्म हो चुकी है, इसलिए अपने ही लोग डर कर भाग रहे हैं। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब किसी दूसरे राज्य के कांग्रेस विधायकों ने छत्तीसगढ़ में डेरा डाला हो। इससे पहले असम में कांग्रेस गठबंधन में शामिल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रत्याशी चित्रकोट के रिसॉर्ट में रहे थे।
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दरअसल इस वक्त पूरे देश में कांग्रेस अगर सबसे मजबूत स्थिति में है तो वो छत्तीसगढ़ ही है और ये भी सच है कि पिछले सालों में भूपेश बघेल की पहचान ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि देशभर में राजनीति अखाड़े में बड़े और मजबूत कांग्रेस नेता के तौर उभरी है। इसे भांपते हुए आलाकमान ने भी उन्हें लगातार बड़ी जिम्मेदारियां दीं हैं। कई बड़े मौकों पर सीएम भूपेश बघेल की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने कांग्रेस की डूबती नैया पार भी लगाई है। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस की उम्मीदों का नया गढ़ बन चुका है छत्तीसगढ़।