रायपुरः Rahul rescue operation janjir मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जांजगीर-चांपा जिले के बोरवेल में फंसे बच्चे को निकालने के लिए चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन पर डाक्यूमेंटरी फिल्म बननी चाहिए। रेस्क्यू टीम के इस अनुभव को प्रदेश और देश के लोग समझ सकें। यह फिल्म भविष्य में ऐसी होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए भी सीख बनेगी। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरीद के बोरवेल में फंसे बच्चे के रेस्क्यू ऑपरेशन में उल्लेखनीय भूमिका अदा करने वाले जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, सेना और पुलिस के जवानों सहित इस आपरेशन में सहयोग देने वाले लोगों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
Rahul rescue operation janjir मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल की पढ़ाई, लिखाई एवं उसके चिकित्सा का पूरा खर्च राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। मैं पूरी रेस्क्यू टीम और प्रदेश और देश की जनता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने राहुल के शीघ्र रेस्क्यू के लिए दुआ की। आप सभी की सूझबूझ, मेहनत, लगन और हौसलों ने काम किया। सभी का लक्ष्य एक ही था, राहुल को बचाना और वह पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन दुरूह था, संकट आए, संघर्ष आए, लेकिन हिम्मत बनी रही। इस पूरे घटनाक्रम की डॉक्यूमेंट्री बननी चाहिए ताकि लोग इसे देखें, समझें जिससे भविष्य में इस तरह की घटना को टाला जा सके। आप सभी का सम्मान कर मन नहीं भरा है, आप लोगों को और सम्मानित करने का मन करता है। बच्चे राहुल साहू को बोरवेल से निकालने वाले बालक अजरूल और पूरी टीम को राज्योत्सव में आमंत्रित किया जाएगा और वहां पर आप सभी का सम्मान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी आप सभी डटे रहे, कड़ी धूप में, खुले मैदान में लगातार संघर्ष करते रहे। ईश्वर ने राहुल में कुछ कमी कर दी है, लेकिन दूसरी ओर कुछ खासियत भी दी है। राहुल की हिम्मत और संतोष ने बहुत बड़ा काम किया है। राहुल की पढ़ाई लिखाई और इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। स्पीच थेरेपी, श्रवण यंत्र लगवाने की जरूरत होगी तो उसका खर्चा भी राज्य सरकार उठायेगी। मैं रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि रेस्क्यू टीम के सामने चुनौती बहुत बड़ी थी पर हिम्मत और जोश में कोई कमी नही थी। जहां आवश्यकता थी वो सारे लोग उपस्थित रहे ,मशीनरी उपलब्ध होती गयी। उन्होंने कहा कि जैसे ही सूचना मिली सारी टीम, जो भी एक्सपर्ट थे सभी को सूचना दी गई। रेस्क्यू ऑपरेशन में 5 दिन तक लगातार 24 घण्टे काम करते हुए आप थके नहीं। रेस्क्यू टीम के लोगों ने जिस लगन और समर्पण भाव से काम किया है, निश्चित रूप से जितनी प्रशंसा की जाए कम है। संकट कभी बता कर नहीं आता, और भी रेस्क्यू हुए हैं परंतु यह 104 घण्टे का सबसे लंबा ऑपरेशन हुआ।
कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पूरे रेस्क्यू अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि राहुल को सकुशल निकालना है। राहुल को हर हाल में बाहर निकलना है, रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन संसाधनों की जरूरत होगी वो उपलब्ध कराए जाएंगे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। सेना की टीम भी मौके पर पहंुची। बचाव दल के रास्ते में अनेक कठिनाइयां आई, सुरंग के रास्ते में चट्टान आई। बोरवेल के अंदर जहरीला सांप भी था। मुख्यमंत्री लगातार बचाव कार्य का अपडेट लेते रहे। बचाव कार्य के दौरान आसपास के गांव वालों ने आगे बढ़कर दल का सहयोग किया।
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कार्यक्रम में रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टेक्नीकल टीम, लाईट, टेंट, जनरेटर, वेल्डिंग मशीन, गैस कटर, मशीनरी लेबर प्रोवाईडर, बोरवेल कैमरा सेटअप संचालक, ड्रीलिंग, पोकलेन चलाने वाले, एसईसीएल की रेस्क्यू टीम और फूड प्रोवाईडर्स को भी सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, विधायक रामकुमार यादव, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सेना के ब्रिगेडियर विगनेश मोहंती, आयुक्त जनसंपर्क दीपांशु काबरा, बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी, जांजगीर-चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, संचालक जनसंपर्क सौमिल रंजन चौबे सहित रेस्क्यू टीम के सदस्य उपस्थित थे।