Reported By: Devendra Mishra
, Modified Date: April 13, 2024 / 01:48 PM IST, Published Date : April 13, 2024/1:48 pm ISTधमतरी। Dhamtari Bilai Mata: वैसे तो नवरात्र के इस मौके पर हर तरफ लोग माता की भक्ति से सराबोर रहते हैं पर धमतरी के विध्यवासिनी मां के मन्दिर का नजारा ही कुछ अलग है। बिलाईमाता के नाम से मशहूर माता के इस दरबार में बीते पांच सौ सालों में आस्था की ज्योती प्रज्वलित होते आ रही है और यहां के चत्मकार से कई बार श्रद्धालु रुबरु हो चुके हैं। वहीं इस बार मंदिर में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी के नाम से ज्योत जलाई जा रही है। आदि जमानें से ही माता दुर्गा अगांरमोती, रिसाई मां दन्तेशरी माता के रुप में इलाके की रक्षा करती आ रही है। धमतरी के रामबाग में मौजूद ये उसी माता का दरबार है जो आदि जमाने में गगंरेल की बीहड वादियों में वास करती थी।
घने जंमां विध्यवासिनी की यह मूर्ति करीब पांच सौ सालो से पाषाण रुप में स्वयं प्रकट होकर यहां भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते आ रही है। इतिहास के बारे में मान्यता है कि जब कांकेर के राजा नरहरदेव शिकार के लिए जा रहे थे उस वक्त उन्हें घनघोर जगंल में माता के दर्शन हुए और सपने के बाद उन्होनें मां विध्यवासिनी रुप में अराधना की तब से लेकर आज तक इस शक्ति स्थल में भक्ति की धारा अनवरत बह रही है। इस देवालय में दोनों नवरात्र पर्व में ज्योत जलाने की परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है।
माना जाता है कि इस मंदिर की घंटियो की गुंज सुनकर ही शहर के लोग की दिन शुरुआत होती है जो शहर की इष्टदेवी है। इस माता की पहचान बिलाईमात के नाम से भी है। बताया जाता है कि जब माता ने सबसे पहले दर्शन दिए तब उनके पाषाण रुप के दोनों तरफ दो काली बिल्लियों का डेरा था, जो मन्दिर बनने के बाद गायब हो गई।
Dhamtari Bilai Mata: माता के उपर आस्था ऐसी की लोग हर दुख तकलीफ पर यहां पर आकर हाजरी लगाते हैं जिससे लोगों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। माता की शक्ति का प्रभाव धर्म की इस नगरी के मानो धड़कन में समा गया है। इस दर पर आने वाला कोई खाली हाथ नहीं लौटता बल्कि यहां भक्त असीम सुख का अनुभव करता है। लोग मानते हैं कि माता के इस दरबार की छत्रछाया हर वर्ग और समुदाय पर बराबर है।