New initiative to connect migrant children with education: धमतरी। जिले में हर साल घुमंतू बच्चों के लिए स्कूल खोला जाता है। इसके बाद भी इनकी संख्या में अपेक्षित कमी नहीं आ रही है, वही ऐसे बच्चों को स्कूल लाने राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। ताकि ऐसे बच्चे पढ़-लिखकर एक जागरूक नागरिक बन सके।
दरअसल शहर तथा आसपास के गांव में कई झुग्गी झोपड़ियां है, जहां के अधिकांश बच्चों की रुचि पढ़ने लिखने में नहीं है। शासन इन स्थानों पर घुमंतू बच्चों का सर्वे कराता है और स्कूल नहीं जाने वालों के लिए विशेष योजना बनाई जाती है। यह पूरा काम राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत होता है और ये योजना सालों से चली आ रही हैं। बता दे कि कुछ मोहल्ले और गांव ऐसे हैं, जहां पर मां-बाप ही अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते हैं। अधिकारी कर्मचारी दबाव डालकर या लालच देकर इन बच्चों को स्कूल ले आते हैं, लेकिन बाद में यह बच्चे फिर से कबाड़ बीनने या भिक्षावृत्ति में लग जाते हैं।
राजीव गांधी शिक्षा मिशन ने जिले में सौ से ज्यादा घुमंतू बच्चे की पहचान कर इनकी शिक्षा दीक्षा के लिए प्रोजेक्ट बनाकर विभाग ने शासन के पास भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घुमंतू बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए शासन प्रशासन को ठोस पहल करनी चाहिए। राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे बच्चो को स्कूल तक लाना किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन विभाग व्दारा ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। IBC24 से देवेंद्र कुमार मिश्रा की रिपोर्ट