Reported By: Satish gupta
, Modified Date: November 5, 2024 / 01:56 PM IST, Published Date : November 5, 2024/1:56 pm ISTमनेन्द्रगढ़ः CG News पिता की चिता को पुत्र कंधा देते हैं और मुखाग्नि भी… हमारी यह प्राचीन परंपरा आज भी समाज में कायम है। लेकिन, जमाना बदल रहा है क्योंकि बेटियां अब आगे बढ़कर अपने पिता-माता के लिए हर वो कर्तव्य निभा रही हैं जो एक बेटा कर सकता है। ऐसा ही किया मनेन्द्रगढ़ की दो बेटियों मान्यता रैकवार और मनस्वी रैकवार। दोनों ने सोमवार को न सिर्फ पिता के शव को कंधा लगाया, बल्कि मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार की सभी रस्म पूरी कर पिता को मुखाग्नि देकर अपना फर्ज अदा किया।
CG News दरअसल, गुजराती समाज भवन के पास 48 वर्षीय मनीष रैकवार का रविवार दोपहर निधन हो गया था। पत्रकारिता करने वाले मनीष पिछले तीन साल से अस्वस्थ चल रहे थे। निधन के दौरान घर पर उनकी पत्नी गायत्री रैकवार और बड़ी बेटी मनस्वी रैकवार थी। छोटी बेटी मान्यता रैकवार एग्रीकल्चर की पढ़ाई बेमेतरा में करती थी। रविवार दोपहर उसे पिता के निधन की सूचना मिली। फिर सोमवार को मनीष रैकवार की छोटी बेटी मान्यता रैकवार घर पहुंची। पिता मनीष रैकवार को बड़ी बहन के साथ कंधा दिया और मुक्तिधाम में मुखाग्नि दी। बेटी ने अपने पिता के लिए बेटा और बेटी दोनों का कर्तव्य निभाकर उन्हें मुखाग्नि दी। पिता के निधन से दुखी बेटी मान्यता और मनस्वी बड़े भारी दुखित मन से पिता की अंतिम यात्रा में शामिल हुई। मुक्तिधाम में आंखों से छलक रहे आसुंओं के बीच इस बहादुर बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। बेटी को उसके पिता को मुखाग्नि देते देखकर वहां उपस्थितजनों की भी आंखें नम हो गई।
कुछ महीनों पहले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से एक ऐसा ही वाक्या सामने आया था। पिता की मौत के बाद छोटी बेटी ने शव को मुखाग्नि दी। पिता का अंतिम संस्कार दोनों बहनों प्रीति और राखी ने मिलकर किया। पिता की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी।