Naxalites and police encounter in dantewada || Image- IBC24 News File
Naxalites and police encounter in dantewada : बीजापुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर जिले की सीमा पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें पांच नक्सलियों को मार गिराया गया है। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में झीरम कांड के मास्टरमाइंड चैतू उर्फ श्याम दादा के मारे जाने की भी संभावना है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। चैतू दरभा डिवीजन और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सक्रिय सदस्य था।
इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने कुख्यात नक्सली सुधाकर को भी ढेर कर दिया है। सुधाकर डीकेएसजेडसी का सदस्य था और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। तेलंगाना के वारंगल जिले का रहने वाला सुधाकर नक्सली संगठन में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता था। वह कई बड़े हमलों में शामिल रहा था और सुरक्षा एजेंसियों को उसकी लंबे समय से तलाश थी।
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मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाबलों को घटनास्थल से एक महत्वपूर्ण चिट्ठी बरामद हुई है, जो गोंडी भाषा में लिखी गई है। इस पत्र से संकेत मिलता है कि नक्सली संगठन पर सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसमें गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने की घोषित डेडलाइन का जिक्र किया गया है और यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस अभियान से नक्सल संगठन के भीतर दहशत का माहौल है। पत्र में फोर्स की बढ़ती गतिविधियों और संगठन के भीतर घबराहट का उल्लेख किया गया है। यह पत्र नक्सली लीडर मोंटू ने महिला नक्सली कमांडर मनकी के नाम लिखा था।
Naxalites and police encounter in dantewada : इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिससे नक्सली संगठन को तगड़ा झटका लगा है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार अभियान तेज कर रही हैं, जिससे नक्सलियों की पकड़ कमजोर होती जा रही है और सरकार की रणनीति प्रभावी साबित हो रही है।
दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी के पार भारी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा है। इसी के आधार पर एक दिन पहले दंतेवाड़ा और बीजापुर से जवानों को ऑपरेशन के लिए निकाला गया था। वहीं आज 25 मार्च की सुबह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। जवानों ने इस मुठभेड़ में 3 माओवादियों को मार गिराया है।
Naxalites and police encounter in dantewada :दरअसल देश में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर की राजधानी माने जाने वाले दंडकारण्य में नक्सलियों की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद 13 महीनों में 380 नक्सली मारे गए हैं, 1194 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 1045 ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सल कैडर में नई भर्तियां पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की रणनीति बनाई है और इस मिशन को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। केरल से बड़े छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सातों जिलों में कभी नक्सलवाद चरम पर था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
20 मार्च 2025 को बीजापुर के गंगालूर और नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर पर हुए दो अलग-अलग ऑपरेशनों में 30 नक्सली मारे गए। ये दोनों इलाके ऐसे थे जहां आज भी सरकार की सीधी मौजूदगी नहीं थी, और नक्सलियों ने अपनी समानांतर सरकार बना रखी थी। लेकिन अब पुलिस जंगलों में घुसकर नक्सलियों का सफाया कर रही है। 2025 के पहले तीन महीनों में 97 नक्सली मारे गए हैं जबकि हर महीने औसतन 45 से अधिक नक्सली मारे जा रहे हैं।
तारीख | जगह | मारे गए नक्सली |
---|---|---|
4 जनवरी | अबूझमाड़ के जंगल | 5 |
9 जनवरी | सुकमा-बीजापुर बॉर्डर | 3 |
12 जनवरी | बीजापुर, मद्देड़ इलाका | 5 |
16 जनवरी | तेलंगाना बॉर्डर, पुजारी कांकेर | 12 |
21 जनवरी | उड़ीसा बॉर्डर, गरियाबंद | 27 |
1 फरवरी | बीजापुर, गंगालूर | 8 |
9 फरवरी | बीजापुर, फरसेगढ़ | 31 |
1 मार्च | सुकमा, किस्टाराम | 2 |
20 मार्च | बीजापुर, गंगालूर | 26 |
20 मार्च | नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर | 4 |
Naxalites and police encounter in dantewada : गरियाबंद जिला, जो नुआपाड़ा-गरियाबंद डिवीजन का हिस्सा था, लंबे समय से नक्सलियों के प्रभाव में था। 21 जनवरी 2025 को 27 नक्सली मारे जाने के बाद, बचे हुए नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। अब गरियाबंद लगभग नक्सल मुक्त हो चुका है। बीजापुर जिला, जिसे “नक्सली नर्सरी” कहा जाता था, सरकार के सबसे बड़े टारगेट पर है। 2025 में अब तक 75 नक्सली मारे गए हैं, जिससे उनकी पकड़ कमजोर पड़ रही है।
नक्सलियों के कमजोर जिलों पर दबाव बनाया जा रहा है जिससे गरियाबंद, कांकेर, धमतरी जैसे जिले जहां से नक्सली दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं। वहीं मजबूत नक्सली गढ़ों पर फोकस किया जा रहा हैं बीजापुर, दंतेवाड़ा, अबूझमाड़, गंगालूर, जहां नक्सलियों का संगठित नेटवर्क बना हुआ है।