Naxalite Sudhakar Encounter News || DKSZC member Sudhakar also killed in account

Naxalite Sudhakar Encounter News: मारा गया दशहत का दूसरा नाम माओवादी ‘सुधाकर’.. सिर पर था 25 लाख रुपये का इनाम, स्पेशल जोनल कमेटी में था सक्रिय..

नक्सलियों के कमजोर जिलों पर दबाव बनाया जा रहा है जिससे गरियाबंद, कांकेर, धमतरी जैसे जिले जहां से नक्सली दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं। वहीं मजबूत नक्सली गढ़ों पर फोकस किया जा रहा हैं बीजापुर, दंतेवाड़ा, अबूझमाड़, गंगालूर, जहां नक्सलियों का संगठित नेटवर्क बना हुआ है।

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Modified Date: March 25, 2025 / 04:22 PM IST
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Published Date: March 25, 2025 4:19 pm IST
HIGHLIGHTS
  • दंतेवाड़ा मुठभेड़ में 25 लाख के इनामी नक्सली सुधाकर की मौत।
  • छत्तीसगढ़ में 13 महीनों में 380 नक्सली मारे गए, 1194 गिरफ्तार।
  • बीजापुर और नारायणपुर बॉर्डर पर ऑपरेशन में 30 नक्सली ढेर।

Naxalite Sudhakar Encounter News : दंतेवाड़ा: उसपरी मुठभेड़ में मारे गए एक नक्सली की पहचान सुधीर उर्फ सुधाकर के रूप में हुई है। खूंखार माओवादी सुधीर उर्फ सुधाकर डीकेएसजेडसी (Dandakaranya Special Zonal Committee) का सदस्य था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक़ सुधाकर पर ₹25 लाख का इनाम घोषित था। वह तेलंगाना के वारंगल जिले का रहने वाला था। सुरक्षा बलों को मिली इस बड़ी सफलता से नक्सली संगठन को तगड़ा झटका लगा है। बहरहाल दूसरे मारे गये माओवादियों की पहचान की जा रही है।

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छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा-बीजापुर-नारायणपुर जिले की सरहद पर चल रही पुलिस और नक्सलियों के मुठभेड़ से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस मुठभेड़ में 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। जवानों ने अब तक 3 नक्सलियों के शव को बरामद कर लिया है। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में झीरम कांड का मास्टरमाइंड चैतू उर्फ श्याम दादा भी मारा गया है। हालांकि इसकी अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। चैतू उर्फ श्याम दादा दरभा डिवीजन और दंडकारनय स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य है।

Naxalite Sudhakar Encounter News : दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि इंद्रावती नदी के पार भारी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा है। इसी के आधार पर एक दिन पहले दंतेवाड़ा और बीजापुर से जवानों को ऑपरेशन के लिए निकाला गया था। वहीं आज 25 मार्च की सुबह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। जवानों ने इस मुठभेड़ में 3 माओवादियों को मार गिराया है।

दरअसल देश में नक्सलियों के रेड कॉरिडोर की राजधानी माने जाने वाले दंडकारण्य में नक्सलियों की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद 13 महीनों में 380 नक्सली मारे गए हैं, 1194 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 1045 ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सल कैडर में नई भर्तियां पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की रणनीति बनाई है और इस मिशन को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। केरल से बड़े छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सातों जिलों में कभी नक्सलवाद चरम पर था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।

20 मार्च 2025 को बड़ा ऑपरेशन, एक ही दिन में 30 नक्सली ढेर

20 मार्च 2025 को बीजापुर के गंगालूर और नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर पर हुए दो अलग-अलग ऑपरेशनों में 30 नक्सली मारे गए। ये दोनों इलाके ऐसे थे जहां आज भी सरकार की सीधी मौजूदगी नहीं थी, और नक्सलियों ने अपनी समानांतर सरकार बना रखी थी। लेकिन अब पुलिस जंगलों में घुसकर नक्सलियों का सफाया कर रही है। 2025 के पहले तीन महीनों में 97 नक्सली मारे गए हैं जबकि हर महीने औसतन 45 से अधिक नक्सली मारे जा रहे हैं।

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2025 में अब तक हुई बड़ी मुठभेड़ें

तारीख जगह मारे गए नक्सली
4 जनवरी अबूझमाड़ के जंगल 5
9 जनवरी सुकमा-बीजापुर बॉर्डर 3
12 जनवरी बीजापुर, मद्देड़ इलाका 5
16 जनवरी तेलंगाना बॉर्डर, पुजारी कांकेर 12
21 जनवरी उड़ीसा बॉर्डर, गरियाबंद 27
1 फरवरी बीजापुर, गंगालूर 8
9 फरवरी बीजापुर, फरसेगढ़ 31
1 मार्च सुकमा, किस्टाराम 2
20 मार्च बीजापुर, गंगालूर 26
20 मार्च नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर 4

 

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सबसे बड़े ऑपरेशन के केंद्र गरियाबंद और बीजापुर

Naxalite Sudhakar Encounter News : गरियाबंद जिला, जो नुआपाड़ा-गरियाबंद डिवीजन का हिस्सा था, लंबे समय से नक्सलियों के प्रभाव में था। 21 जनवरी 2025 को 27 नक्सली मारे जाने के बाद, बचे हुए नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। अब गरियाबंद लगभग नक्सल मुक्त हो चुका है। बीजापुर जिला, जिसे “नक्सली नर्सरी” कहा जाता था, सरकार के सबसे बड़े टारगेट पर है। 2025 में अब तक 75 नक्सली मारे गए हैं, जिससे उनकी पकड़ कमजोर पड़ रही है।

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पुलिस की रणनीति – दो तरफा हमला

नक्सलियों के कमजोर जिलों पर दबाव बनाया जा रहा है जिससे गरियाबंद, कांकेर, धमतरी जैसे जिले जहां से नक्सली दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं। वहीं मजबूत नक्सली गढ़ों पर फोकस किया जा रहा हैं बीजापुर, दंतेवाड़ा, अबूझमाड़, गंगालूर, जहां नक्सलियों का संगठित नेटवर्क बना हुआ है।