जशपुर: बागीचा विकासखंड में अधिकारियों की मनमानी ने पहाड़ों और जंगलों पर ही संकट खड़ कर दिया है। बिना किसी परमिशने के पेड़ काटे जा रहे हैं, पहाड़ गिराए जा रहे हैं। ऐसे पेड़ों की ऐसी प्रजाति को नष्ट किया जा रहा जो विलुप्त होने के कगार पर हैं और यहां रहने वाले गरीब कोरवाओं की आजीविका का साधन हैं और वो भी महज एक गोदाम के लिए।
जशपुर में इन दिनों विकास के नाम पर विनाश का खेल जारी है। लोग कहीं लोग स्टील प्लांट के नाम पर, तो कहीं महज गोदाम के नाम पर पेड़ों और पहाड़ों की बलि चढ़ाने पर उतारू हैं। ये जो विनाश लीला चल रही है, वो करोड़ों की लागत से बनने वाले गोदाम के लिए है। आपको इस गोदाम की खासियत बताएं इससे पहले ये जान लीजिए कि इस गोदान के लिए पूरे के पूरे हरे भरे पहाड़ की बलि दी जा रही है।
काटे जा रहे सैकड़ों पेड़
क्या कीजिएगा अधिकारी हैं, तो मनमानी है। अब आपको बताते हैं कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम का ये गोदाम बगीचा विकासखण्ड के पेटा में बनने वाला है। इस गोदाम के निर्माण के लिए एक पहाड़ को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया जा रहा है। खास बात ये है कि इस गोदाम का निर्माण बगीचा विकासखण्ड मुख्यालय में ना कराकर बगीचा मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर पेटा में किया जा रहा है। क्यों ? इसका जवाब नहीं है।
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इस मामले की सूचना पाकर पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता गणेशराम भगत भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग की। लोग सवाल उठा रहे हैं, तो अब कलेक्टर कह रहे हैं कि नियम के विरुद्ध हुआ तो SDM के प्रतिवेदन लिया गया है।
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