Cow dung tiles being manufactured in Chhattisgarh : रायपुर। अब गोबर से बनी टाइल्स हमारे आपके घरों की शोभा बढ़ाएगी। इको फ्रेंडली ये टाइल्स सामान्य टाइल्स से लगभग आधी कीमत पर तैयार होंगी। छत्तीसगढ़ में पहली बार गोबर से टाइल्स तैयार करने करने के लिए बड़े पैमाने पर निर्माण की योजना पर काम कर रही हैं। खास ये कि ये टाइल्स तो पानी से खराब नहीं होंगी। सामान्य टाइल्स की तरह से इस पर वजन सहने की क्षमता के साथ ही आग भी बेअसर रहेगी। गोबर से निर्मित टाइल्स गर्मियों में ठंडक प्रदान करेगी, दीवारो का तापमान नियंत्रित करेगी साथ ही कीड़े-मकोड़ों से भी बचाएगी।
Cow dung tiles being manufactured in Chhattisgarh : रायपुर के गोकुल नगर गौठान में गोबर से टाइल्स बनाने का काम किया जा रहा है। इस टाइल्स के निर्माण में लगभग 7 से 8 दिन का समय लगता है। इसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया जाता। गोबर से बने टाइल्स निर्माण के लिए ग्वारगम, चुना, लकड़ी के बुरादे का उपयोग किया जाता है। इसमें 80 फीसदी गोबर डाली जाती है। टाइल्स के निर्माण के लिए गोबर ताजा होना बेहद जरूरी है। क्योंकि गोबर ताजा रहेगा तो बाकी चीजों को मिक्स करने में आसानी होता है। टाइल्स निर्माण के लिए लकड़ी का एक खांचा बनाया जाता है। उसी खांचे में गोबर को डाला जाता है। जिसके बाद उसे धूप में सुखाया जाता है। इसे करीब 7-8 दिनों तक धूप में सुखाना पड़ता है।
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Cow dung tiles being manufactured in Chhattisgarh : गोठान संचालक अग्रवाल कहते हैं कि इस टाइल्स से घर में ठंडकता बनी रहेगी। यदि गोबर के टाइल्स टूटते भी हैं तो यह कांक्रीट की तरह बिखरेंगे नहीं। नेशनल बिल्डिंग मटेरियल के लैब में गोबर से निर्मित टाइल्स को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही रिपोर्ट आ जाएगी। गोबर से टाइल्स बनाने का काम और भी तेज कर दिया जाएगा। अगर यह सक्सेस हुआ तो गोठान की महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ में गोबर निर्मित टाइल्स निश्चित ही एक नई पहल मानी जा रही है।